Dehradun: 'रख हौसला वो मंजर भी आएगा प्यासे के पास चलकर समंदर भी जाएगा थक के न बैठ मंजिल के मुसाफिर मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आएगाÓ कुछ ऐसा ही जोशीमठ निवासी उपेंद्र पंवार ने कर दिखाया है. सिटी के प्रेमनगर निवासी 29 वर्षीय उपेंद्र के दोनों पैरों को जन्म के 10 महीने बाद विकलांगता के वाइरस ने विकलांग कर दिया था. बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपने को सच करने में जुट गए और ऐसा करने के साथ ही उन्होंने पूरी दुनिया के लिए एक एग्जांपल सेट किया है.


बचपन से ही है interestउपेंद्र पंवार बचपन से ही क्रिकेट के प्रति इंट्रेस्टेड रहे हैं। इनके इंट्रेस्ट को करियर में डेवलप करने में रेडियो का बढ़ा हाथ रहा है। बचपन में रेडियो पर कॉमेंट्री सुनते-सुनते ही उपेंद्र ने इसमें अपना भविष्य बनाने की ठान ली। उपेंद्र ने कभी भी अपनी विकलांगता को अपने सपने के आगे नहीं आने दिया और आज वह उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों में भी कई टूर्नामेंट्स में कॉमेंट्री कर अपना हुनर दिखा चुके हैं। टीवी कॉमेंटेटर हर्षा भोगने को अपना रोल मॉडल मानने वाले उपेंद्र भी नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के मैचेस में कॉमेंट्री करना चाहते हैं। वह बताते हैं कि उनका गांव सेलंग, जोशीमठ में है और इंटरमीडिएट तक की स्टडी उन्होंने जोशीमठ में ही की है। इसके बाद कर्णप्रयाग से उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया।Cricket की कोचिंग भी दी


गे्रजुएशन के बाद इसके बाद दीपक बिष्ट (वर्तमान में कर्णप्रयाग में ब्लॉक ऑफिसर) से उन्होंने क्रिकेट और कॉमेंट्री की बारीकियां सीखीं। इसके बाद सबसे पहले उन्हें श्रीनगर में 2009-10 में ऑल इंडिया जीवीके कप में कॉमेंट्री करने का मौका मिला। क्रिकेट में बढ़ती रुची के चलते उन्होंने गौचर में न्यू स्टार क्रिकेट एकेडमी नाम से एक क्लब खोला। जहां उन्होंने 15 से 20 साल के बच्चों को फ्री में क्रिकेट कोचिंग दी। इनके क्लब के काकू रौथान को अंडर 16 में सीके नायडू क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने का मौका भी मिला है। पिछले दो साल से दून में आने के बाद उन्होंने कई बड़े टूर्नामेंट में कॉमेंट्री की और इसके साथ अपनी स्टडी भी जारी रखते हुए समूह ग का रिटन एग्जाम पास कर चुके हैं। उपेंद्र बताते हैं कि गवर्नमेंट जॉब लगने के बाद भी वह अपने सपने को जारी रखना चाहते हैं और वह दिन दूर नहीं जब वह किसी बड़े नेशनल या इंटरनेशनल ग्राउड में टीम इंडिया के मैच में कॉमेंट्री कर रहे होगें। बस इसके लिए मेहनत, हौसला को और मजबूत करना होगा।Message for successउपेंद्र अपने साथी विकलांगजनों को बस यही मैसेज देना चाहते हैं कि खुली आंखों से सपने देखना चाहिए और उन्हें पूरा करने का जज्बा दिल में होना चाहिए। वह दिन दूर नहीं जब सफलता आपके कदम चूमेगी। अब तक उपेंद्र इन टूर्नामेंट कॉमेंट्री कर चुके हैं-ऑल इंडिया जीवीके टूर्नामेंट, श्रीनगर में-एनएससीए, गौचर में-ऑल इंडिया गिरीश भर्दी टूर्नामेंट मेंउत्तराखंड कप-ऑल इंडिया उत्तराखंड गोल्ड कप टूर्नामेंट -उत्तराखंड सचिवालय टूर्नामेंट-वीर शिवाजी क्रिकेट टूर्नामेंट, हिमांचलमैच में रोमांच पैदा कर देते हैं

उपेन्द्र की फैमिली में माता-पिता और दो भाई हैं जो उन्हें कॉमेंट्री के लिए इंस्पायर करते रहते हैं। क्रिकेट मैच के दौरान जब भी माइक उपेंद्र के पास आता है तो मैच चाहे जैसा भी चल रहा हो वह अपनी गजब की कॉमेंट्री से वहां बैठी दर्शक-दीर्घा में रोमांच पैदा कर देते हैं।

Posted By: Inextlive