अमेरिका अब डिजाइनर बच्‍चे पैदा करने की ओर कदम बढ़ा चुका है। डॉक्‍टर्स अब गर्भ में मौजूद बच्‍चों के डीएनए में बदलाव कर रहे हैं। आइए जानें कैसे संभव है यह काम। इसके पीछे क्‍या है मुख्‍य वजह.....


पहला ऐसा प्रयोग जो रहा सफलयह पहला मौका है, जब अमेरिका में वैज्ञानिकों ने मानव भ्रूण के जींस में बदलाव किया है। इन वैज्ञानिकों ने एक आनुवंशिक दिल की बीमारी को खत्म करने के लिए मानवीय भ्रूणों के डीएनए को सफलतापूर्वक संपादित किया है। इससे पहले तक अमेरिकी शोधकर्ता ऐसा प्रयोग करने में सफल नहीं रहे थे। इस प्रयोग पर काम कर रहे शोधकर्ताओं ने एक इंटरव्यू में कहा कि वे अपने काम को बहुत बुनियादी मानते हैं। भ्रूण को केवल कुछ दिनों तक बढ़ने की इजाजत थी और गर्भावस्था पैदा करने के लिए उसे प्रत्यारोपण करने का कोई इरादा नहीं था। लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वे विज्ञान के साथ आगे बढ़ना जारी रखेंगे, भ्रूण में अनुवांशिक रोगजन्य जीन को सही करने के अंतिम लक्ष्य के साथ, जो बच्चों में विकसित होते हैं।नए विवाद का जन्म
हालांकि दुनियाभर में भ्रूण के जींस में बदलाव को लेकर काफी विवाद खड़ा होता रहा है। कुछ लोग ऐसे प्रयोगों को खतरनाक मानते हैं। ऐसे लोगों का कहना है कि भ्रूण के डीएनए में छेड़छाड़ डिजाइनर बच्चों की तरफ बढ़ने का दरवाजा खोलने की ओर की राह है। अगर ऐसा मुमकिन हो जाता है, तो बच्चों के डीएनए में माता-पिता मनचाहा बदलाव करा सकते हैं।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari