'स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है' का नारा देने वाले लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को आज पूरा देश याद कर रहा है। भारत राष्ट्र के निर्माताओं में अपना एक विशिष्ट स्थान रखने वाले तिलक 23 जुलाई को 1856 को जन्‍में थे। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के जनक बन उन्‍होंने अपनी लेखनी व उद्धघोषों से समाज को बेहतर राह दिखाई। ऐसे में आइए जानें 1 अगस्‍त 1920 को इस दुनिया को अलविदा कह गए तिलक की कही ये 5 बातें...


प्रगति स्वतंत्रता में निहित है। बिना स्वशासन के न औद्योगिक विकास संभव है , न ही राष्ट्र के लिए शैक्षिक योजनाओं की कोई उपयोगिता है… देश की स्वतंत्रता के लिए प्रयत्न करना सामाजिक सुधारों से अधिक महत्वपूर्ण है।

ये सच है कि बारिश की कमी के कारण अकाल पड़ता है लेकिन ये भी सच है कि भारत के लोगों में इस बुराई से लड़ने की शक्ति नहीं है

हो सकता है ये भगवान की मर्जी हो कि मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूं। उसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे पीड़ा में होने से अधिक लाभ मिले।

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Posted By: Shweta Mishra