इस समय देश की बड़ी समस्‍या बनती जा रही है आपकी प्‍यास। वो प्‍यास जिसे बुझाने के लिए आपको जरूरत पड़ती है शुद्ध पेयजल की। वैसे जब बात हो रही है शुद्ध पेयजल की तो बता दें कि ये सिर्फ आपकी नहीं पूरे देश के लिए एक विकराल समस्‍या बन चुकी है। भूजल स्‍तर लगातार गिरता जा रहा है। इसके बावजूद बारिश के पानी समेत अन्‍य जल स्‍त्रोतों से उपलब्‍ध पानी के भंडारण और संरक्षण की अभी भी कोई ठोस व्‍यवस्‍था नहीं है। इसी वजह से बुंदेलखंड मराठवाड़ा तेलंगाना आंध्रप्रदेश आदि क्षेत्रों को हर साल सूखे का संकट झेलना पड़ रहा है। आइए जानें इन इलाकों में हर साल सूखा पड़ने की क्‍या हैं खास 5 वजहें।


इसके इतर कानपुर आईआईटी के प्रो. विनोद तारे कहते हैं कि हमारी नदियों में बड़ी मात्रा में औद्योगिक कचरा व गंदा जल प्रवाहित होता है। दरअसल सच तो यही है कि उद्योग नदियो से पानी लेते हैं। ऐसे में भूजल का जबरदस्त दोहन होता है। उसके बाद गंदे जल को फिर से नदियों में ही प्रवाहित कर दिया जाता है। ऐसे में औद्योगिक इस्तेमाल को देखते हुए उद्योगों पर 'जल उपकर' लगा देना चाहिए। उन्होंने बताया कि दुनिया के कई देशों में इस तरह की व्यवस्था है।
इस समस्या को लेकर विशेषज्ञों ने एक उदाहरण इसराइल का भी दिया है। उन्होंने बताया है कि इसराइल एक ऐसा देश है, जहां काफी कम बारिश होती है। इसके बावजूद वहां प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पानी की खपत 137 लीटर है। सच्चाई ये है कि इसराइल गंदे पानी को शोधित करता है और समुद्र के खारे जल का शोधन कर उसकी खपत करता है। ऐसी ही समुचित व्यवस्था यहां भी होनी चाहिए। ताकि गंदे पानी को शोधित कर उसे इस्तेमाल में लाया जा सके, लेकिन इस तरह की व्यवस्था यहां कहीं भी दिखाई नहीं देती।


भारतीय किसान यूनियन के शिवनारायण परिहार की मानें तो बुंदेलखंड में पानी की कमी की त्रासदी और सूखे की स्थिति आने वाले समय के बड़े और अति गंभीर संकट को बयां करता है। एक रिपोर्ट पर गौर करें तो 200 सालों में 12 बार सूखा पड़ने की बात कही गई है। इसका मतलब ये है कि 16 सालों में 1 बार सूखा पड़ा। इसके बाद 1968 से 92 के बीच अब तक की स्थिति में बदलाव आया। 2004 के बाद से लगभग हर साल सूखे एवं पानी संकट की त्रासदी का सामना यहां लोगों को करना पड़ता है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार प्रदूषित और संक्रमित जल का सेवन करने से यहां प्रतिवर्ष 34 लाख लोगों की मौत हो जाती है। यह साबित करता है कि सारी दुनिया में लोगों की असमय मौत की एक मुख्य वजह शुद्ध पेयजल नहीं मिलना ही है। वहीं यूनिसेफ की 2013 की एक रिपोर्ट के अनुसार डायरिया जैसी जलजनित बीमारियों से 5 देशों में 5 साल की उम्र तक होने वाली कुल मौतों का एक बड़ा हिस्सा सिर्फ भारत और नाइजीरिया में है।inextlive Desk from Spark-Bites

Posted By: Ruchi D Sharma