Allahabad : खुद पर इतना यकीन था कि बिना वर्दी डाले ही निकल गए. बदमाशों को सिर्फ एक शिकार मानते थे. फ्राइडे को ओपन चैलेंज मिला तो मातहतों को सूचना भी नहीं दी और आगे बढ़ते गए. दिमाग की एक न सुनी. क्या पता था जिसकी बदौलत यह हौसला दिखा रहे हैं वही दगा दे जाएगा. गोली फाइनली गोली दे गई और थानेदार को नसीब हुई मौत.


 

मौके पर मिला खोखाघटना के बाद स्पॉट पर पहुंचे पुलिस ऑफिसर्स को 32 बोर का एक मिस कारतूस और खोखा मिला। इससे पुलिस को यकीन है कि बदमाशों ने दो से तीन राउंड गोली चलाई। अब बारी थी थानेदार राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी की हालत देखने की, जिनकी बॉडी सड़क पर पड़ी थी। उनकी पिस्टल भी स्पॉट पर थी और बगल में पड़ा था एक क्वाइन। आईजी आलोक शर्मा की मानें तो थानेदार ने बदमाशों से लोहा लेने में कोई कमी नहीं की थी। वह एक बहादुर सब इंस्पेक्टर था। उन्होंने बदमाशों से लोहा लेने के लिए अपनी पिस्टल निकाली। उसे लोड करके फायर किया लेकिन गोली बाहर नहीं निकली। दोबारा भी यही हुआ। इससे बदमाशों को मौका मिल गया और उन्होंने दरोगा के सीने में गोली उतार दी. 
जोश में खो दिया होश एक तरफ ऑफिसर बदमाशों से सीधे भिडऩे पर एसओ बारा की तारीफ कर रहे थे तो वह लैकिंग प्वाइंट भी सामने लाना नहीं भूले, जिसे फॉलो करने पर दरोगा की जान बच सकती थी। ऑफिसर्स का मानना था कि जब बदमाशों की पूरी इंफारमेशन मिल गई थे तो उन्हें अकेले नहीं जाना चाहिए था। थाने से फोर्स ले लेना चाहिए था। दूसरे थानों से फोर्स मंगा लेते। शंकरगढ़ पुलिस को कांफीडेंस में लेते। यानी जोश में होश नहीं खोना चाहिए था। शंकरगढ़ पुलिस से उनकी बात हो गई थी तो थोड़ा सब्र से काम लेना चाहिए था। बदमाशों के पीछे लगे रहते। पुलिस टीम आ जाती तब हमला बोलते। मोबाइल का स्मार्ट यूज यहां संभव था। खुली रोड पर भाग रहे बदमाशों के खिलाफ यही स्ट्रेटची कारगर होती। लेकिन, वक्त भी तो बहुत कुछ कराता है.यही हुआ था जियाउल हक के साथ भीइलाहाबाद में रहकर पीसीएस की तैयारी करने और सफलता पाने वाले जियाउल हक प्रतापगढ़ जिले के कुंडा सर्किल में तैनात थे। दो मार्च को उपद्रव के बाद भीड़ में घुस जाने का हौसला उन्होंने दिखाया था। वह भी तब जबकि उनके हमराही तक पीछे हट गए थे। उन्हें भी खुद के असलहे ने दगा और नतीजा मौत के रूप में सामने आया। इस प्रकरण की सीबीआई जांच अभी भी जारी है और अभी तक पता नहीं चला है कि सीओ को आखिर मारा किसने?

 

Posted By: Inextlive