महाराष्‍ट्र में पिछले कुछ सालों से पानी का संकट गहरा रहा है। किसान आत्‍महत्‍या करने को मजबूर है। सूखे के हालात में किसान अपनी और अपने परिवार का लालन पालन मजदूरी से आने वाली आय से कर रहा है। ऐसे में महाराष्‍ट्र के एक किसान ने जल संकट को दूर करने के लिए एक कदम बड़ाया है। एक किसान ने अपने गांव की भलाई के लिए अपनी दस एकड़ जमीन बेंच दी जिससे उसके गांव के लिए एक बांध का निर्माण किया जा सके।


बांध बनाने के लिए बेंच दी दस एकड़ जमीनमुर्तिजापुर तालुका के संगवी दुर्गवाड़ा गावं निवासी संजय तिड़के ने अपने लोगों की समस्या दूर करने के लिए एक मिशाल कायम की है। संजय का गांव महाराष्ट्र के अकोला जिले से 40 किलोमीटर की दूरी पर है। संजय ने अपनी जमीन का एक दस एकड़ का हिस्सा बेंच कर वहां के किसानों के लिए बांध बनाने की योजना बनाई है। तिडके और उनके भाई को मिलाकर उनके पास कुछ तीस एकड़ जमीन है। संजय ने अपनी दस एकड़ जमीन 55 लाख रूपये में बेंच दी है। वह 20 लाख रूपये की लागत से एक बांध बनाना चहते हैं जो करोड़ लीटर पानी एकत्र कर सके। उन्होंने अपनी प्रापर्टी का वो हिस्सा बेचा है जो अक्सर बारिश के दौरान पानी में डूब जाता है।सरकार ने बताया बांध का निर्माण गैरकानूनी
संजय ने बताया कि उन्होंने स्टेट गवर्नमेंट से गांव में बांध बनाने के लिए मदद मांगी लेकिन सरकार की ओर से कोई जबाव नहीं आया। संजय ने कहा कि मैने उन्हें अपनी समस्या बताई और उनसे बांध बनाने में मदद की गुहार लगाई। कई बार मदद मांगने के बावजूद भी सरकार ने कोई मदद नहीं की जिसके बाद संजय ने अपने हिसाब से बांध बनाने की सोची। बांध बनाने का यह टास्क उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। संजय ने बताया मदद करना तो दूर की बात है सरकारी अफसरों ने उनके प्रॉजेक्ट के खिलाफ कंप्लेन की है। संजय पर अवैध रूप से बांध का निर्माण करने का आरोप लगाया गया है।  प्रशासने ने मुझे कानून के नाम पर प्रताडि़त करने की बहुत कोशिश की। बांध निर्माण का काम इस दौरान चार से पांच दिनों तक रूका रहा। जिसके बाद मुझे दो लाख रूपये का नुकसान हुआ। किसान संगठनो ने की मददकुद समय बाद बहुत से किसान संगठनो ने मेरी मदद की। उन्होंने बांध निर्माण के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया। उन्होंने अपने अनुभव से बांध का निर्माण शुरु करने और उसे आगे बढ़ाने के लिए भी मुझे उत्साहित किया। तिडके ने बताया सरकार को जहां आम आदमी और किसान की मदद करनी चाहिए वहां वह कानून के नाम पर उसे परेशान करती है। सरकारी अफसरों ने बांध निर्माण को लेकर कई समस्यायें खड़ी की लेकिन मैने कभी हार नहीं मानी उनके हर कदम ने मुझे लड़ने की हिम्मत दी।

Posted By: Prabha Punj Mishra