देश में छुआछूत की कुप्रथा आज भी हमारे समाज को खोखला कर रही है। इसका ताजा उदाहरण है नागपुर का एक गांव जहां पर एक महिला को दलित होने के चलते पानी नहीं भरने दिया गया। जिसके बाद उसके पति ने अकेले ही एक नया कुंआ खोद डाला।

40 दिन लग गए
ये वाकया है नागपुर के वाशिम जिले का जहां पर कुएं के मालिक की तरफ से दलित बापुराव ताज्ने की पत्नी को कुएं के मालिक ने जब पानी भरने से मना किया तो उसने पूरा एक कुआं ही खोद डाला, जो प्राय: चार से पांच लोग मिलकर खोदते हैं। अब पूरे दलित समुदाय के लोग उस कुएं से पानी भर रहे हैं और उन लोगों को कहीं और से पानी लाने की जरुरत नहीं पड़ रही है। ताज्ने वाशिम जिले के कलाम्बेश्वर गांव का एक दिहाड़ी गरीब मजदूर। हालांकि, उसने इससे पहले कभी नहीं कुआं खोदा था। ताज्ने नियमित रुप से छह घंटे करीब चालीस दिनों तक तब तक खुदाई करता रहा जब तक पानी जमीन से बाहर नहीं आ गया। इस काम में यहां तक कि कोई भी उसके परिवार का सदस्य भी उसकी मदद नहीं की। सभी लोग सोचते थे कि ताज्ने बावला हो गया है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari