सरकार की इस नयी योजना के तहत दुनिया में कहीं भी चावल बेच सकेंगे यूपी के किसान
नयी योजना की शुरुआतकैबिनेट ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए पांच साल के लिए 'उप्र चावल निर्यात प्रोत्साहन योजना' को मंजूरी दे दी है। इसके तहत सूबे के किसान दुनिया भर में अपने चावल का निर्यात कर सकेंगे। यह नीति 7 नवंबर 2017 से 6 नवंबर 2022 तक लागू रहेगी। इसके तहत डायरेक्ट निर्यातकों को भारत सरकार की संस्था एपीडा में कराए गये पंजीकरण पर मान्यता दी जाएगी। उन्हें यूपी में अलग से कोई रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है। जबकि इनडायरेक्ट निर्यातकों को सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के मुताबिक रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है।किसी भी देश के साथ व्यापार
इस नीति के तहत यूपी से समस्त प्रकार के चावल का निर्यात विश्व के किसी भी देश में किया जा सकता है। इसके अलावा बता दें कि किसान निर्यात के दौरान किसी भी प्रकार की विदेशी मुद्रा का इस्तेमाल कर सकते हैं। राज्य सरकार ने बासमती चावल का निर्यात करने के लिए धान से चावल की रिकवरी का न्यूनतम मानक 45 फीसद रखा है जबकि नान-बासमती में यह 50 फीसद होगा। डायरेक्ट निर्यातक यदि किसान या किसान उत्पादक संघ से सीधे खरीद करता है तो उसे 2.5 फीसद की छूट एवं आढ़तियों के माध्यम से खरीद पर दो फीसद की छूट मिलेगी। इसी तरह इनडायरेक्टर निर्यातकों को दो फीसद और डेढ़ फीसद की छूट दी जाएगी।