-ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल का दिखने लगा असर, महंगे हो सकते हैं खाद्यान्न

-कोल्ड स्टोरेज के बाद सड़ रहा है आलू, सब्जियों में दिखने लगी तेजी

ALLAHABAD: ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल का असर दिखने लगा है। शहर की दाल और फ्लोर मिलें बंद होने की कगार पर आ चुकी हैं। कच्चा माल नहीं मिल पाने से मिल मालिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है तो पब्लिक को भी आने वाले दिनों में महंगाई का दंश झेलना पड़ सकता है। इस सबके बावजूद शासन और प्रशासन इस मामले से बेपरवाह बना हुआ है। सब्जियों से लेकर गेहूं और चावल तक महंगाई के आसार नजर आने लगे हैं।

लग सकता है ताला

शहर में मौजूद एक दर्जन के आसपास बड़ी राइस और फ्लोर मिलों पर आजकल सन्नाटा पसरा हुआ है। ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल के चलते इन मिलों को कच्चा माल नहीं मिल पाने की वजह से यहां कामकाज बंद होने की कगार पर है। कभी भी यहां ताला लग सकता है। यहां काम करने वाले मजदूर भी भुखमरी की कगार पर आ चुके हैं। इसके साथ ही नागपुर से दाल का आयात नहीं हो जाने पाने से दाल मिलें भी नुकसान का सामना कर रही हैं।

सड़ रहा आलू

इसी तरह कोल्ड स्टोरेज में मौजूद आलू भी साधन के अभाव में सड़ने की कगार पर आ पहुंचा है, जिससे व्यापारियों में खलबली मची हुई है। उनका कहना है कि माल बाहर आ चुका है और इसे मंडी तक पहुंचाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। अगर यही हाल रहा तो व्यापारियों को होने वाले नुकसान की भरपाई आम जनता को अपनी जेब से करनी होगी।

किचन से गायब हो जाएगी सब्जी

टोल टैक्स के विरोध में पांच दिन से जारी ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल के चलते मुंडेरा सब्जी मंडी में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। दूसरे प्रदेशों से आने वाले पत्तागोभी, टमाटर और आलू का आयात लगभग ठप्प होने की कगार पर आ चुका है। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से आने वाले नई आलू के कमी के चलते व्यापारियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि हड़ताल अधिक दिन चली तो सब्जियों में महंगाई 25 से 50 फीसदी तक बढ़ सकती है। जिसका खामियाजा पब्लिक को भी भुगतना पड़ेगा।

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पांच दिन में छह करोड़ का नुकसान

ट्रकों का चक्काजाम होने से पिछले पांच दिनों में छह करोड़ का नुकसान व्यापारियों को हो चुका है। ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि चुनाव के दौरान केंद्र सरकार ने टोल टैक्स पर रोक लगाने का वादा किया था जिसे भुला दिया गया है। हालात यह हैं कि तीस से चालीस किमी की दूरी पर टोल टैक्स होने की वजह से ट्रक मालिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। टोल टैक्स पर घंटों जाम में फंस होने की वजह से समय और ईधन दोनों का नुकसान होता है। उनकी मांग है कि सरकार दूसरे टैक्सेस की तरह टोल टैक्स भी साल में एक बार जमा करवा ले।

सरकार अपना वादा भूल गई है। ट्रांसपोर्टर्स भी टोल टैक्स के विरोध में भी एकजुट हो गए हैं। जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाएंगी, हम काम पर नहीं लौटेंगे।

अमर वैश्य मुन्ना भइया, अध्यक्ष, प्रयाग परिवहन ट्रांसपोर्ट यूनियन

कच्चा माल आना बंद हो गया है। जिससे मिलों में ताला लगने के आसार पैदा हो गए हैं। ऊपर से कोल्ड स्टोरेज में आलू पड़ा सड़ रहा है। उसे मंडी पहुंचाना मुश्किल हो गया है। इससे महंगाई में तेजी से इजाफा हो सकता है।

आशीष केसरवानी, दाल और फ्लोर मिल मालिक

दूसरे प्रदेशों से आने वाली सब्जियों का आयात लगभग बंद हो गया है। आलू, पत्तागोभी, बैंगन और टमाटर में महंगाई दिखने लगी है। भविष्य में इनके दाम पचास फीसदी तक बढ़ सकते हैं। इस मामले में प्रशासन को पहल करनी चाहिए।

सतीश कुशवाहा, अध्यक्ष, हरी सब्जी मुंडेरा मंडी

Posted By: Inextlive