लॉकडाउन के चलते यूपी के अस्पतालों में आकस्मिक सेवाओं को छोड़ कर बंद पड़ी ओपीडी और अन्य सेवाओं को फिर शुरु करने की इजाजत मिल गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को इसके निर्देश दे दिए हैं।

लखनऊ (पीटीआई)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के डॉक्टरों से अपने-अपने जिलों के प्रशासन के साथ समन्वय में गैर-कोविड ​​स्वास्थ्य सेवाएं शुरु करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि वे निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को तत्काल अनुमति दें जो ऑपरेशन और सभी चिकित्सा गतिविधियों को शुरू करने के लिए कोरोना वायरस प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं।

स्टॉफ को लेनी होगी ट्रेनिंग

बुधवार रात को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में, उन्होंने जोर देकर कहा कि आपातकालीन और अन्य सेवाओं को शुरू करने से पहले सभी चिकित्सा संस्थानों को अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना चाहिए कि वे उपन्यास वायरस से खुद को कैसे सुरक्षित रखें।

अस्पतालों को मानने होंगे सारे नियम

सीएम योगी ने आगे यह भी कहा कि निजी अस्पतालों में पीपीई किट, एन 95 मास्क, सैनिटाइजर और इस तरह के अन्य आवश्यक उपकरण की उपलब्धता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत नीति के तहत सभी पंजीकृत अस्पतालों और नर्सिंग होम को रियायती दरों पर पीपीई किट मुहैया कराई जानी चाहिए और प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य को निर्देश दिया कि ऐसे अस्पतालों के पंजीकरण को छह महीने तक बढ़ाया जाए। साथ ही सीएम ने निर्देश दिया कि निजी अस्पतालों को आवश्यक रूप से सामुदायिक प्रसार की जांच करने और आपातकालीन सेवाओं के लिए पहुंचने वालों की उचित जांच सुनिश्चित करने की आवश्यकता है और किसी भी कोविड-19 सकारात्मक मामले के बारे में जिला प्रशासन को तुरंत सूचित करें। इसके अलावा, उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि निजी अस्पतालों को 24 घंटे में दो बार साफ किया जाए और डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों का नियमित परीक्षण किया जाए।

टेस्टिंग लैब भी बढ़ाई जाएंगी

मुख्यमंत्री ने कहा, "कोरोनोवायरस के खिलाफ इस लड़ाई में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का योगदान है। हम निजी डॉक्टरों की मदद से इस लड़ाई को बेहतर तरीके से जीत पाएंगे। लोगों को बेहतर और गुणात्मक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना आवश्यक है। लोगों ने कोरोनोवायरस के खिलाफ इस लड़ाई में डॉक्टरों, पैरामेडिक्स, नर्सों और अन्य कर्मचारियों के योगदान को स्वीकार और सम्मान किया है।' राज्य में 26 कोरोना वायरस टेस्टिंग लैब कार्यरत हैं और इस संख्या को बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कोरोनवायरस से लडऩे के लिए सबसे अच्छी तकनीक उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari