UP: हाथरस मामले के बाद बोले सीएम योगी, माताओं-बहनों के सम्मान को क्षति पहुंचाने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है
कानपुर (इंटरनेट-डेस्क)। उत्तर प्रदेश में हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले के बाद व्याप्त तनाव के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की महिलाओं को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इसके लिए हर संभव प्रयास कर ही है। सीएम ने महिलाओं के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने वालों के लिए कहा कि वे इसका परिणाम भुगतने को तैयार रहें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में ट्वीट करते हुुए कहा कि उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। आपकी उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्येक माता-बहन की सुरक्षा व विकास हेतु संकल्पबद्ध है।
उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। आपकी उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्येक माता-बहन की सुरक्षा व विकास हेतु संकल्पबद्ध है: UP CM pic.twitter.com/N8XGIWBvS0
— ANI_HindiNews (@AHindinews)
तीन सदस्यीय एक एसआईटी गठित की
प्रदेश में इन दिनों हाथरस मामले को लेकर स्थितियां गंभीर है। हाथरस में 14 सितंबर को 19 साल की युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार को अलीगढ़ से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया था। पीड़िता का 3 दिन पहले बीते मंगलवार को निधन हो गया था। सीएम योगी ने कहा कि गुनहगारों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक एसआईटी गठित की है।
परिजनों की हर संभव मदद का वादा
इसके अलावा पीड़िता के परिजनों को प्रदेश सरकार की ओर से 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद, एक घर और एक व्यक्ति को नाैकरी दी जाएगी। वहीं इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी गुरुवार को हाथरस में कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले में पीड़िता के परिजनाें से मिलने हाथरस पहुंचे। इस दाैरान गाैतमबुद्ध नगर में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा और 200 से अधिक अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और महामारी अधिनियम की धारा 188, 269 और 270 के तहत मामला दर्ज किया गया है।