यूपी में एक व्यक्ति ने अपनी ग्राम पंचायत की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होने के बाद अपने कभी शादी न करने वाले फैसले को 45 साल की उम्र में बदल दिया। समर्थकों के सुझाव पर युवक ने नामांकन से पहले तुरंत शादी रचा डाली। यहां पढ़ें पूरा मामला...


बलिया (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत चुनाव की तैयारियां काफी तेजी से हो रही हैं। इस बीच यहां के बलिया में एक अनोखा मामला सामने आया है। लगभग एक दशक तक समाज सेवा करने के बाद ग्राम प्रधान बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए एक 45 वर्षीय व्यक्ति ने चट मंगनी पट ब्याह वाले फार्मूले से शादी रचा ली। बलिया के करण छपरा गांव के हाथी सिंह 2015 में चुनाव लड़े थे और वह उपविजेता रहे थे। इसके बाद से वह पिछले 5 साल से उस सीट पर काफी मेहनत कर रहे थे और लोगों के बीच काफी लोकप्रिय भी हो रहे थे। इस दाैरान हाल ही में उनकी उम्मीद तब टूट गई जब इस बार सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो गई थी। हाथी सिंह ने गांव के धर्मनाथजी मंदिर में विवाह रचाया
हालांकि इस पर उनके समर्थकों ने उन्हें यह सुझाव दिया कि वह शादी कर लें और उनकी पत्नी चुनाव लड़ सकती हैं। हाथी सिंह सिंह के राजी होने के बाद उनके समर्थकों ने विवाह के लिए तुरंत लड़की खोजी और शादी पक्की की। आखिरकार 26 मार्च को हाथी सिंह ने गांव के धर्मनाथजी मंदिर में विवाह रचाया। हालांकि इस शादी को लेकर लोग अलग-अलग तरह की बातें कर रहे हैं क्योंकि विवाह 'खर-मास' के दौरान रचाया गया है जिसे हिंदू परंपराओं के अनुसार शुभ नहीं माना जाता है। अब ग्राम पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहीवहीं इस संबंध में हाथी सिंह का कहना है कि मैं पिछले पांच सालों से कड़ी मेहनत कर रहा हूं और मेरे समर्थक भी इतने सालाें से हमारे लिए प्रचार कर रहे हैं। मेरी मां 80 साल की हैं जो चुनाव नहीं लड़ सकती थीं। इसीलिए मैंने मेरे समर्थकों के लिए ही कभी शादी न करने के अपने फैसले को बदल दिया है। मुझे 13 अप्रैल को नामांकन से पहले शादी रचानी थी। बता दें कि हाथी सिंह की पत्नी स्नातक की पढ़ाई कर रही है और अब ग्राम पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।

Posted By: Shweta Mishra