उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने कम अंक वालों के पास होने का बताया कारण

आज जारी होगी रिवाइज्ड आंसर की, कट ऑफ मेरिट पर दी सफाई

पीसीएस जे के फाइनल रिजल्ट में फंसा पेंच, नई भर्तियों के नोटिफिकेशनमें होगा विलंब

ALLAHABAD: यूपी के अभ्यर्थियों के लिए सीसैट पेपर पीसीएस प्री में बड़ी बाधा बनकर खड़ा हो गया। दूसरे पेपर में ज्यादा अंक पाने पाने के बाद भी ये अभ्यर्थी मेंस की दौड़ बाहर हो गए क्योंकि सीसैट के पेपर में इन्हें जरूरी 33 फीसदी अंक नहीं मिला। कम अंक वाले पास और ज्यादा वाले फेल पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव सुरेश सिंह ने यह जानकारी दी। रिवाइज्ड आंसर की और कट ऑफ मेरिट जारी करने के मामले में हमेशा नानुकुर करने वाले उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन ने पीसीएस प्री एग्जाम 2016 की रिवाइज्ड आंसर ट्यूजडे तक जारी करने की हामी भर दी है। इसी के साथ आयोग कट ऑफ मेरिट भी जारी कर देगा। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि पीसीएस 2016 में त्रिस्तरीय आरक्षण को लागू नहीं किया गया है।

लागू नहीं हो सकता त्रिस्तरीय आरक्षण

यह जानकारी आयोग के सचिव सुरेश कुमार सिंह ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी। उन्होंने बताया कि पीसीएस प्री 2016 एग्जाम की रिवाइज्ड आंसर की और कट ऑफ मेरिट ट्यूजडे तक जारी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पीसीएस के एग्जाम में त्रिस्तरीय आरक्षण लागू नहीं किया गया है। गौरतलब है कि प्रतियोगियों ने पीसीएस प्री का परिणाम आने के बाद आरोप लगाया था कि आयोग त्रिस्तरीय आरक्षण लागू करने की फिराक में है। उनका यह भी आरोप था कि परीक्षा परिणाम में बड़ी संख्या में कम अंक वाले पास और अधिक अंक पाने वाले परीक्षार्थी फेल हुए हैं।

150 की नहीं चेक हुई कापी

आयोग के सचिव ने अधिक अंक वालों के फेल होने की वजह को स्पष्ट करते हुए कहा कि प्री के सीसैट वाले पेपर में 33 फीसदी क्वालीफाइंग रखा गया था। 16,852 परीक्षार्थी ऐसे हैं जोसीसैट के क्वालीफाइंग अंक की बाध्यता पार नहीं कर पाए। उन्होंने बताया कि प्री में 150 परीक्षार्थी ऐसे थे, जिन्होंने उत्तर पुस्तिका में अपना रोल नम्बर और सीरियल नम्बर ही नहीं भरा। ऐसे परीक्षार्थियों की कापी चेक नहीं की गई है। पीसीएस प्री में परीक्षा देने वालों की संख्या 2,50,696 थी।

पीसीएस 2017 से मेंस में बदलाव

सचिव ने यह भी बताया कि पीसीएस का विज्ञापन सामान्य एवं विशेष चयन के लिए हुआ था। विशेष चयन में नाममात्र के पद होने के बाद भी 1365 अभ्यर्थियों ने आवेदन कर दिया। ऐसे में इनका चयन नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि पीसीएस 2016 की मुख्य परीक्षा सितम्बर माह में होगी। जिसकी तिथि की घोषणा आगे की जाएगी। उन्होंने बताया कि पीसीएस मेंस की परीक्षा में पूछे जाने वाले आब्जेक्टिव टाईप सवालों को खत्म करने की तैयारी है। लेकिन, अभी इससे रिलेटेड कोई प्रस्ताव आयोग की बैठक में तैयार नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि पीसीएस 2017 की मेंस परीक्षा से बदलाव होना तय है।

पदों के विवरण को लेकर पशोपेश

सचिव ने यह भी बताया कि पीसीएस जे 2015 के विवाद को निपटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की जाएगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस परीक्षा में पूछे गए गलत सवालों के आधार पर रिजल्ट को संशोधित करने के लिए कहा है। इससे इंटरव्यू के बाद भी फाइनल रिजल्ट अभी तक जारी नहीं हो सका है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद ही तय हो सकेगा कि इसका परिणाम कैसे और कब तक जारी होगा? वहीं पीसीएस जे 2016 के अधियाचन पर भी पेंच फंस गया है। इसमें शासन से प्राप्त पदों के विवरण पर आयोग ने आपत्ति लगा दी है। शासन से पदों के विवरण को स्पष्ट एवं संशोधित करने के लिए कहा गया है। वहीं आरओ एवं एआरओ 2016 के रिक्त पदों का पूरा ब्यौरा न मिलने से अभी इसके विज्ञापन में विलंब होगा।

Posted By: Inextlive