- तीन वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला

-परिजनों ने पुलिस पर लगाया निर्दोष को जेल भेजने का आरोप

- काफी संख्या में लोगों ने इंस्पेक्टर और सीओ को घेरे रखा

Meerut: सिविल लाइंस थानाक्षेत्र में हुए बच्ची के दुष्कर्म के मामले में रोज नया घटनाक्रम सामने आ रहा है। आश्चर्य की बात है कि शक के आधार पर आम लोग व परिजन ही आरोपियों की पहचान कर रहे हैं। रविवार को एक बार फिर मोहल्ले वासियों ने पीडि़त के परिजनों के साथ थाने में जमकर हंगामा किया। उन्होंने घंटे थाने का घेराव किया। काफी संख्या में महिलाएं ईट व पत्थर लेकर थाने में घुस गई। वे आरोपी को उनके हवाले करने की मांग कर रहे थे और पुलिस पर गलत आदमी को जेल भेजने का आरोप लगाया। कार्रवाई का आश्वासन देकर किसी तरह पुलिस ने लोगों को समझाकर घर भेजा।

फुटेज में कैद है आरोपी

गत 26 मई को औरंगाबाद निवासी एक परिवार की तीन वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। बच्ची घर के बाहर खेल रही थी, तभी कोई उसे कोई उठा लेकर गया था। क्षेत्र में लगे सीसीटीवी के फुटेज खंगाले गए तो उसमें एक युवक मोटरसाइकिल पर उस बच्ची को ले जाते हुए देखा गया। कैमरे में वह कई बार बच्ची के साथ बाइक पर चक्कर काटते हुए देखा गया। साथ में बच्ची के दो भाई भी देखे गए जो उम्र में काफी छोटे थे।

शक के आधार पर पकड़ा था

हेलमेट पहने होने की वजह से युवक का चेहरा पहचान में नहीं आया, वहीं बाइक का नम्बर भी नहीं दिखा। गत 27 मई को शक के आधार पर औरंगाबाद निवासी सोनू पाल को उसी के साले ने पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने जब परिजनों व बच्ची व दोनों भाइयों से शिनाख्त कराई तो उन्होंने पहचान कर ली। जिसके बाद पुलिस ने 28 मई को चालान काटकर उसे जेल भेज दिया। तब 27 मई को भी मोहल्ले वासियों ने थाने में हंगामा काटा था।

ईट व पत्थर लेकर घुसे

इसके बाद 29 मई को शक के आधार पर मोहल्ले वासियों ने विपिन यादव नामक एक व्यक्ति को पुलिस के हवाले कर दिया। इस बार परिजनों ने इसे असली आरोपी बताया। सुबह काफी संख्या में मोहल्लेवासी और पीडि़त के परिजनों ने थाने का घेराव कर दिया। काफी संख्या महिलाएं ईट पत्थर लेकर थाने में घुस गई। उन्होंने सिविल लाइन इंस्पेक्टर पर गलत आदमी को जेल भेजने का आरोप लगाया। वहीं वे आरोपी को अपने हवाले करने की मांग भी करने लगे। पुलिस ने इनको समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। इतने में सीओ सिविल लाइंस बीएस वीर कुमार और काफी संख्या में फोर्स लेकर पहुंच गए। लोगों ने सीओ की गाड़ी को भी घेर लिया। करीब तीन घंटे तक हंगामा चलता रहा।

इस मामले में अभी जांच चल रही है। जो जेल भेजा गया है उसकी शिनाख्त बच्ची और उसके भाई ने की थी। परिजन ही अपने बयान से मुकरे हैं। जांच के बाद पूरी कहानी सामने आ जाएगी।

- बीएस वीर कुमार, सीओ सिविल लाइंस

Posted By: Inextlive