दो हफ़्ते की रस्साकशी के बाद अमरीकी संसद ने आख़िर सरकारी कामबंदी ख़त्म करने का रास्ता साफ़ कर दिया है. हाउस ऑफ़ रिप्रज़ेंटेटिव ने भी सीनेट की राह पर चलते हुए बजट पर हुए समझौते को पारित कर दिया है.


हालांकि ऊपरी सदन सीनेट में राह आसान थी लेकिन निचले सदन में स्थिति थोड़ी सख़्त नज़र आई क्योंकि ज़्यादातर रिपब्लिकन इस डील के ख़िलाफ़ थे.उन्होंने अपनी बहुत कम मांगें स्वीकार होने की आलोचना की, ख़ासकर ओबामा के स्वास्थ्य सेवा सुधार से जुड़े मुद्दे पर.उधर राष्ट्रपति ओबामा ने कहा है कि वह बिल को क़ानून की शक्ल देने के लिए जल्द से जल्द इस पर दस्तखत करेंगे.ओबामा ने उम्मीद ज़ाहिर की है कि यह सरकार के लिए संकट का अंत है.डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुमत वाली सीनेट ने 81 के मुक़ाबले 18 मतों से बिल को पारित किया था जबकि हाउस ऑफ़ रिप्रज़ंटेटिव ने इस बिल को 285 के मुकाबले 144 वोट से पारित किया.सीनेट बजट समझौता-अमरीकी सरकार की क़र्ज़ सीमा बढ़कर 7 फ़रवरी 2014 होगी-सरकार को 15 जनवरी 2014 तक ख़र्च के लिए फंड मुहैया कराया जाएगा


-लंबी अवधि के बजट समझौते के लिए सीनेट और प्रतिनिधि सभा की कमेटी बनेगी-बीमा छूट हासिल करने वालों की आय का सत्यापन होगाये बिल 167 खरब डॉलर की कर्ज़ उगाहने की अंतिम समयसीमा के कुछ ही घंटे पहले पास हुआ है.

इस  समझौते के मुताबिक़ संघीय सरकार की क़र्ज़ सीमा की तारीख़ बढ़ कर 7 फ़रवरी हो जाएगी और उसे 15 जनवरी तक ख़र्च के लिए पैसे मुहैया कराए जा सकेंगे.इससे अमरीकी सरकार का कामकाज फिर से शुरू हो सकेगा और छुट्टी पर भेज दिए गए हज़ारों कर्मचारी वापस काम पर आ सकेंगे.बिल के अनुसार सीनेट और प्रतिनिधि सभा के सदस्यों का एक पैनल बनाया जाएगा जो लंबी अवधि के बजट समझौते पर काम करेगा.प्रतिक्रियाबुधवार की शाम सीनेट में वोटिंग के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में कहा कि ''अभी बहुत काम करना बाक़ी है जिसमें अमरीकी लोगों का विश्वास दोबारा हासिल करना भी शामिल है. हमें संकट के ज़रिए शासन करने की प्रवृत्ति छोड़नी होगी.''ओबामा ने कहा, ''मैं उम्मीद करता हूं कि हमने सबक सीखा होगा कि ऐसी कोई वजह है ही नहीं कि हम मुद्दों पर काम ना कर सकें, कि दलगत मतभेदों के बावजूद इस बात का ख़्याल रखें कि इससे अमरीकी लोगों के हितों का नुकसान ना हो.''वहीं सीनेट में डेमोक्रेट बहुमत नेता हैरी रीड ने कहा, ''हमें ईमानदारी से ये स्वीकार करना चाहिए कि यह राष्ट्र को बेवजह दुख पहुंचाना है और यह ग़लती कतई दोबारा नहीं कर सकते.''

मई में सरकार की क़र्ज़ सीमा अवधि ख़त्म होने के बाद से अमरीकी वित्त विभाग असाधारण तरीक़ो से अपने ख़र्च निकाल रहा है.नेता, बैंकर औऱ अर्थशास्त्री कहते रहे हैं कि अगर अमरीकी सरकार की क़र्ज़ क्षमता को बढ़ाने का उपाय नहीं किया गया तो इसके गंभीर वैश्विक  आर्थिक परिणाम होंगे.शर्मनाकइस बीच रेटिंग फ़र्म स्टैंडर्ड और पुअर्स ने बुधवार को कहा कि सरकारी कामबंदी के चलते अमरीकी अर्थव्यवस्था को 24 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. इससे चौथी तिमाही की आर्थिक विकास दर बहुत प्रभावित होगी.बजट पर जारी  गतिरोध के लिए रिपब्लिकन पार्टी को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा था. प्रतिनधि सभा के रिपब्लिकन स्पीकर जॉन बोहनर ने ओहायो के एक रेडियो स्टेशन से कहा, ''हमने एक अच्छी लड़ाई लड़ी. हम बस जीते नहीं.''लेकिन सीनेटर जॉन मक्केन का कहना था कि ''मैने सीनेट में जितने साल गुज़ारे हैं उनमें ये सबसे शर्मनाक गतिरोध था.''

Posted By: Subhesh Sharma