अमेरिका से पीएचडी की फिर भारत आकर बन गई तांत्रिक
कैसे बनी तांत्रिक
उज्जैन में अप्रैल में होने वाले सिंहस्थ के लिए यहां पर एक ऐसी अघोरी तांत्रिक भी पहुंची हैं, जिसने काफी चर्चा बटोर ली है। इस अघोरी तांत्रिक ने अमेरिका से पीएचडी की फिर इसके बाद भारत आकर श्मशान साधना करने लगी। पुराणों में महिलाओं को भले ही श्मशान जाने की इजाजत न हो लेकिन महाकाल की नगरी पहुंची शिवानी दुर्गा बचपन से ही श्मशान आया-जाया करती थी। उन्हें उनकी दादी श्मशान में लाकर चिताओं को प्रणाम करवाती थीं। लगभग रोज ऐसा करने से शिवानी भी निडर बन गई और उनके अंदर आध्यात्मिक प्रवृत्ति ने जन्म लिया।
पश्चिमी देशों के तंत्र में भी माहिर
शिवानी सिर्फ अघोर तंत्र ही नहीं बल्कि पश्चिमी देशों के रहस्यमय तंत्र शास्त्र विक्का, वोडु, सोर्करी की भी सिद्ध साधिका हैं। इन में पारंगत होकर उन्होंने सभी विधाओं की समानताओं को जोड़कर नई पद्धतियां भी विकसित की हैं। अघोर तंत्र का नाम सुनते ही जहां लोग सहम से जाते हैं, वहीं शिवानी का मानना है कि अघोरी तो सभी होते हैं, क्योंकि अघोर शिव का रूप है और शिव का वास तो हर जगह है।