आगरा. ब्यूरो खाद्य विभाग की टीम ने शनिवार को देहात में व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापामार कार्रवाई की. खेरागढ़ से पनीर और मावा के नमूने लिए. दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के स्टिंग आपरेशन के बाद खाद्य विभाग ने ऐसे प्रतिष्ठानों की लिस्ट तैयार की है जहां दूध और मावा से बने प्रोडक्ट सेल किए जा रहे हैं. इसके साथ ही जहां से भारी मात्रा में मावा तैयार किया जा रहा है. कलेक्ट किए गए सेंपल की रिपोर्ट तक आती है जब सीजन खत्म हो चुका होता है. खानापूर्ति के बाद फिर से ये प्रतिष्ठान पहले की तरह संचालित होते हैं.

छापामार कार्रवाई से दुकानें बंद
शुक्रवार को नकली मावा तैयार करने की खबर प्रकाशित होने के बाद हरकत में आई टीम देहात के ऐसे स्थानों पर पहुंची जहां से भारी मात्रा में मावा सप्लाई किया जाता है। इस छापामारी की खबर की जानकारी पर आसपास के दुकानदार अपनी दुकानों को बंद कर भाग निकले, वहीं कुछ लोग टीम के सामने त्योहार का हवाला देकर कार्रवाई को रोकने की बात कहने लगे। वहीं मिलावट करने वाले भी अपने प्रतिष्ठानों को बंदकर कार्रवाई देखते रहे।

स्वास्थ्य के साथ हो रहा था खिलवाड़
दरअसल आईनेक्स्ट की टीम ने शुक्रवार को बाज़ार में बिकने वाले नकली और मिलावटी मावे के की एक फैक्ट्री का स्टिंग ऑपरेशन किया था हमारे इस स्टिंग ऑपरेशन में खाद्य विभाग के दावों की पोल खुलने के साथ ही उनके दावों पर सवालिया निशान भी उठ गए। इसके साथ ही हमने मिलावटखोरों के द्वारा आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले कॉकस की पोल खोल दी थी। इसको खाद्य विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को संज्ञान लिया।

खाद्य विभाग के दावों पर सवाल
आईनेक्स्ट न्यूज पेपर में खबर प्रकाशित होने के बाद सामने आया कि कैसे कुछ मिलावट खोर अधिक मुनाफे के लालच में लोगों की सेहत से खेल रहे हैं। इसके साथ ही खाद्य विभाग के उन दावों पर भी सवाल खड़े हुए हैं जिनमें वे सब कुछ सही होने का दावा करते हैं, कुछ सवाल जो आईनेक्स्ट के नकली मावा पर किए गए स्टिंग ऑपरेशन से खड़े होते हैं, कि त्योहार के समय मेें ही क्यों टीमें एक्टिव होती हैं, जबकि अन्य दिनों में भी मिठाइयों की डिमांड रहती है।


आपको पता है, खाद्य विभाग को नहीं
- सिंथेटिक दूध और नकली मावा में सीक्रेट पाउडर का हो रहा इस्तेमाल, आपको पता है, विभाग को क्यों नहीं?
-शहर की दरेसी और बेलनगंज मार्केट में मिलता है, इसकी जानकारी विभाग को क्यों नहीं ?
-आखिर खाद्य विभाग की टीम को त्योहारों पर ही क्यों एक्टिव होती है, आम दिनों में क्यों नहीं ?
-बड़ी संख्या में शहर और देहात क्षेत्रों में नकली मावा बनाने की फैक्ट्रियां संचालित हैं, विभागों को ये क्यों नहीं नजर आता है?
-नकली मावा बनाने में पाम आयल का उपयोग, जो कि आसानी से मिल जाता है। ऐसे दुकानदारों पर क्यों नहीं होती कार्रवाई?
-जांच के बाद तीन महीने के भीतर आती है रिपोर्ट, तक तक खत्म हो जाता है सीजन, साहब क्यों नहीं लेते संज्ञान?


शनिवार को देहात के इलाकों से मावा और पनीर के सेंपल लिए गए हैं, इनको टेस्टिंग के लिए भेजा जाएगा, इसके बाद ही कार्रवाई की जाएगी। सतीश मिष्ठान भंडार, और बालाजी मिष्ठान भंडार से भी मिल्क प्रोडेक्ट के सेंपल लिए गए हैं।
राजेश कुमार गुप्ता, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी

Posted By: Inextlive