Agra:एक अप्रैल को एनालॉग सिग्नल बंद होने के कारण सिटी में डेढ़ लाख से अधिक घरों में बुद्धू बक्सा की बोलती बंद हो गई थी. कारण डिजिटलाइजेशन के लिए उन्हें सेट टॉप बॉक्स ही नहीं मिल पाए. तब से लेकर यह प्रॉब्लम अब तक चली आ रही है. इस शॉर्टेज के चलते पब्लिक से सेट टॉप बॉक्स लगवाने के एवज में एक्स्ट्रा चार्ज भी वसूला जा रहा है. हद तो इस बात की है कि पैसे लेने के बाद भी उन्हें सेट टॉप बॉक्स प्रोवाइड नहीं कराए जा रहे हैं. यही कारण है कि सिटी में अब तक सिर्फ 20 से 25 परसेंट यूजर्स को ही सेट टॉप बॉक्स मिल सका है.


शॉर्टेज का कर रहे बहानाआज भी आगराइट्स को सेट टॉप बॉक्स के लिए परेशान होना पड़ रहा है। केबिल ऑपरेटर्स का जवाब होता है कि सेट टॉप बॉक्स की शॉर्टेज है, दो-तीन दिन लग जाएंगे। वास्तव में यह कहानी ही दूसरी है। ऐसा नहीं है कि ऑपरेटर्स के पास बॉक्स नहीं हैं। हैं, इसके बावजूद वह आपको दे नहीं रहे हैं।वसूली का चल रहा है धंधा


सेट टॉप बॉक्स की शॉर्टेज है या नहीं है, लेकिन शॉर्टेज बताकर कस्टमर्स से एक्ट्रा पैसा वसूला जा रहा है। 799 रुपये में लगाया जाने वाला यह बॉक्स एक हजार, तेरह सौ, साढ़े तेरह सौ, पंद्रह सौ से लेकर दो हजार रुपये में कस्टमर को थमाया जा रहा है। कस्टमर की जेब काटने का यह धंधा यहीं खत्म नहीं होता। उनसे नई केबिल डालने के नाम पर दो सौ से तीन सौ रुपये और वसूले जा रहे हैं। सेट टॉप बॉक्स के लिए जो चार्ज कर रहे हैं उसका बिल भी कस्टमर को नहीं दे रहे हैं। मांगे जाने पर बिल बुक न होने का हवाला दे रहे हैं, जो बाद में भी उन्हें नहीं दिया जा रहा है। एक्स्ट्रा चार्ज के बाद भी इंतजार

कोई आईपीएल, कोई सीरियल तो कोई किसी और प्रोग्राम का दीवाना है, इसी दीवानगी के चलते लोग सेट टॉप बॉक्स के लिए एक्स्ट्रा चार्ज देने में भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। एक्स्ट्रा चार्ज देने के बावजूद उन्हें दो से तीन दिन का टाइम दिया जाता है, उसके बाद भी सेट टॉप बॉक्स नहीं लगाया जा रहा है। ऐसा कोई एक दो केस नहीं है, बल्कि सिटी में अब तक करीब 75 यूजर्स को सेट टॉप बॉक्स की फेसिलिटी नहीं मिल पाई है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ केबिल ऑपरेटर्स ने बताया कि बॉक्स कंपनी से ही नहीं प्रोवाइड हो रहा है, जबकि डिमांड बता दी गई है। इस संबंध में एमएसओ (मल्टी सर्विस ऑपरेटर्स) ने कोई टिप्पणी करने से ही मना कर दिया।जयपुर से डिसाइड होता है रेटहर दिन सेट टॉप बॉक्स के रेट में अंतर होता है। इसकी एक वजह सामने आई है वह चौंकाने वाली है। पूछने पर एक केबिल ऑपरेटर ने बताया कि रेट के उतार-चढ़ाव जयपुर से सेट है। हर सुबह वहां से रेट डिसाइड किया जाता है।फिगर स्पीक्स का लोगो लगाएंनंबर ऑफ टीवी - सवा तीन लाख टीवी वाले घर - ढाई लाख डीटीएच यूजर्स - 38 हजारसेट टॉप बॉक्स - करीब 57 हजार

बॉक्स का पैसा अदा कर दिया है। बिल नहीं दिया गया है। -लकी, ताजगंज सेट टॉप बॉक्स की कीमत 1,500 रुपये ली गई है। जिसका बिल भी नहीं दिया गया है।-विजय वशिष्ठ, ताजगंज पैसा चुका देने के बाद भी सेट टॉप बॉक्स नहीं लगाया गया है।-राजेश, सदर मैंने बॉक्स के लिए केबिल ऑपरेटर को 800 रुपये दिए हैं, लेकिन केबिल साफ नहीं आ रही है। ऑपरेटर खराब सिग्नल का हवाला दे रहे हैं।-सनी, सदर इस बारे में कोई कंप्लेन नहीं आई है। यदि कोई प्रॉब्लम कंज्यूमर को हो रही है तो उसे दूर किया जाएगा।-स्वतंत्र कुमार, सहायक मनोरंजन कर आयुक्त आगरा  सेंट्रल गवर्नमेंट और ट्राई की ओर से कई डायरेक्शन एमएसओज को दिए गए थे.1 - केबिल ऑपरेटर्स सेट टॉप बॉक्स का रेट प्रोग्राम टेलीकास्ट में डिस्प्ले करेगा।2 - विदाउट बिल कस्टमर को बॉक्स प्रोवाइड नहीं किया जाएगा।3 - एमएसओज समय-समय पर मनोजरंजन कर आयुक्त को डेटा सबमिट करेगा।तीन मुंह तीन बातें                                      

नंबर एक रिपोर्टर - सर, मुझे बॉक्स लेना है.                   ऑपरेटर - मिल जाएगा, लेकिन 1,500 रुपये का है।रिपोर्टर - भाई, रेट तो 999 रुपये हैंऑपरेटर - यह रेट पुराना है, अब रेट बढ़ गया है।रिपोर्टर - बिल मिलेगा? ऑपरेटर - नहीं।
रिपोर्टर - क्यों?ऑपरेटर - अभी बिल बुक नहीं है।रिपोर्टर - नहीं, बिल के साथ बॉक्स चाहिए।ऑपरेटर - कोई बात नहीं.
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                     नंबर दोरिपोर्टर - सर, सेट टॉप बॉक्स के रेट की जानकारी लेनी है.                                                                                                                                                                                                                                                                     एमएसओ- बताइएं क्या जानकारी चाहते है।रिपोर्टर - बॉक्स का रेट कोई फिक्स नहीं हैं क्या?एमएसओ- फिक्स हैं।रिपोर्टर - तो, ऑपरेटर्स किसी को 900 रुपये, तो किसी को 1000 रुपये में दे रहे।एमएसओ - नहीं, ऐसा नहीं है।रिपोर्टर - सर, वो तो बिल भी नहीं देते।एमएसओ - अभी तक कोई कंप्लेन तो आई नहीं है।रिपोर्टर - आपने जानने की कोशिश नहीं की?एमएसओ - इतना समय कहां हैरिपोर्टर - सर, आंकड़ा मिल सकता है।एमएसओ - अभी कोई आंकड़ा नहीं है.नंबर तीनरिपोर्टर - सर, सेट टॉप बॉक्स को ऊंचे दाम में सेल किया जा रहा है.       स्वतंत्र कुमार - इसमें हम कुछ नहीं कर सकते।रिपोर्टर - बॉक्स का रेट कोई फिक्स नहीं हैं क्या?स्वतंत्र कुमार - नहीं।रिपोर्टर - क्यों?स्वतंत्र कुमार - कोई लिखित में नहीं हैं।रिपोर्टर - सर, इस वसूली को कैसे रोका जा सकता है।स्वतंत्र कुमार - कस्टमर कंप्लेन करे।
रिपोर्टर - कोई नंबर जारी क्यों नहीं करते?स्वतंत्र कुमार - नंबर से बात नहीं बनेगी, उन्हें अपनी प्रॉब्लम लिखित में देनी होगी।रिपोर्टर -  थैक्यू। (स्वतंत्र कुमार सहायक मनोरंजन कर आयुक्त हैं)
जैसा कस्टमर वैसे रेटजनरल का रेट - 899, 999, 1,050, 1,350 और 1,500 रुपये रिकॉर्डिंग वाला - 1,200, 1,400, 1,700, और 2,200 रुपये एचडी बॉक्स - 1,700, 1,800, 1,960, 2,200, 2,500 रुपये

Posted By: Inextlive