ताजनगरी में वायु प्रदूषण लगातार बना हुआ है. इसको रोकने के लिए कई एडवाइजरी जारी हो गई. धूल न उडऩे के लिए पानी का छिड़काव करने के निर्देश दे दिए गए. लेकिन धूल के गुबार अब भी शहर में कई जगह पर उड़ रहे हैैं. ऐसे में पॉल्यूशन का सॉल्यूशन मिलना मुश्किल है. जिम्मेदार भी बस प्रकृति के भरोसे बैठे हुए है. हवा चले तो पॉल्यूशन कम हो.

आगरा (ब्यूरो)। लगभग 10 दिन से शहर की हवा में खतरनाक स्तर पर जहरीली गैसे और धूल के कण मिले हुए हैैं। लेकिन ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के मुताबिक शहर में न तो अब तक भारी वाहनों की एंट्री पर रोक लगी है और न ही धूल उड़ाने वाले निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई। बस पानी छिड़काव के निर्देश दे दिए गए हैैं। इसके बावजूद पानी के छिड़काव के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। कहीं पानी का छिड़काव हो रहा है, तो कहीं पर उल्टा निर्माण कार्य लापरवाही से किया जा रहा है।

पाइपलाइन बिछाई, उड़ रही धूल
डेढ़ साल पहले आगरा स्मार्ट सिटी द्वारा जीवनी मंडी रोड पर वाटरवक्र्स से पुरानी मंडी चौराहे पानी की पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदाई की। पाइपलाइन डाल दी, लेकिन सड़क बनाने का काम अब तक शुरू नहीं हुआ है। यहां एक किलोमीटर लंबी टूटी सड़क पर रोजाना धूल के गुबार उड़ते हैैं। इस सड़क पर भारी वाहनों का आवागमन है, इस कारण यहां और ज्यादा धूल उड़ती है। जीवनी मंडी, यमुना किनारा रोड पर प्रदूषण के कारण लोगों का सांस लेना दूभर हो गया।

आईएसबीटी पर धूल के गुबार
आगरा-दिल्ली नेशनल हाईवे पर आईएसबीटी के नजदीक फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है। यहां पर वाहनों का आवागमन जारी है। जाम और निर्माण कार्य के चलते यहां लगातार धूल उड़ती रहती है। खंदारी की ओर जाने वाली सर्विस लेन पर गड्ढे होने के कारण धीमे चलते भारी वाहनों का खंदारी फ्लाईओवर तक जाम लगता है। दूसरी ओर की सर्विस लेन पर खंदारी से लेकर आईएसबीटी तक जाम लगा रहता है। फ्लाईओवर निर्माण में उड़ती मिट्टी के कारण पूरे ट्रांसपोर्ट नगर में धूल के गुबार हैं। टीपी नगर की दुकानों के सामने खड़े वाहनों और पेड़ों पर धूल की मोटी परत जमा है।

ताजगंज में उड़ रही धूल
ताजगंज क्षेत्र में इस वक्त तेजी से विकास कार्य चल रहे हैैं। यहां पर मेट्रो के साथ-साथ स्मार्ट सिटी का काम भी तेजी से चल रहा है। बीते दिनों ये क्षेत्र शहर के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में शुमार रहा। यहां पर आगरा स्मार्ट सिटी के तहत बनाए गए फुटपाथ पर पत्थरों की घिसाई का काम जारी है। पत्थरों की घिसाई से लाल पत्थर के कण पूरे वातावरण में घुल रहे हैं। डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध है फिर भी उससे मशीन चलाई जा रही है। यहां पर धूल नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा।

आवास विकास का बुरा हाल
शहर में आवास विकास क्षेत्र में भी तेजी से निर्माण कार्य चल रहे हैैं। पूरे एरिया की सड़के इसके चलते खोदी हुई पड़ी हैैं। यहां पर जल निगम की गंगाजल इकाई ने पानी और निर्माण इकाई ने सीवर लाइन के लिए सड़कों को एक साल पहले खोदा था, पर निर्माण अब तक नहीं किया। सड़कों पर न तो गिट्टिïयां बिछी हैैं और न ही रोड बनाई गई है। यहां पर लोगों ऊबड़-खाबड़ रोड से गुजरना पड़ता है और पूरे एरिया में हर जगह बड़े-बड़े धूल के गुबार उड़ते रहते हैैं। यहां से गुजरने में ही सांसों में धूल घूल जाती है।

"आवास के क्षेत्र में सभी सड़कें खोदी हुई पड़ी हुई हैैं। यहां पर दिनभर धूल उड़ती रहती हैै। सांस लेेने में भी परेशानी होती है."
-जनार्दन, क्षेत्रीय निवासी, आïवास विकास

Posted By: Inextlive