मेडिकल कॉलेज में refreshment golmaal
क्या हैं नियम कायदे?
जब किसी पेशेंट को ब्लड की जरूरत होती है तो तीमारदार को उतना ही ब्लड डोनेट करना होता है। सरकारी अस्पताल में ब्लड के अलावा 400 रुपये की फीस ली जाती है। 400 रुपए फीस में से 20 रुपए ब्लड डोनेटर को रिफ्रेशमेंट देने के लिए निर्धारित होती है। ताकि खून देने के बाद डोनर को कमजोरी महसूस न हो। इसलिए इस ब्लड की कीमत 380 रुपये है और रिफ्रेशमेंट के लिए 20 रुपये भी डोनर से ही लिए जाते हैं। अमूमन ब्लड डोनर को कोई ग्लूकोज युक्त ड्रिंक (फ्रूटी) और हल्का सा स्नैक्स (ग्लूकोज बिस्किट) ब्लड देने के तुरंत बाद दिया जाता है। मगर मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में ब्लड देने वाले व्यक्ति को एक कंपनी का लेमन ड्रिंक देकर ही टरका दिया जाता है। यानि डोनर को अपने ही दिए 20 रुपए का पूरा रिफ्रेशमेंट नहीं मिलता।
rate का खेल
ब्लड डोनर से रिफ्रेशनमेंट के नाम पर जो 20 रुपये लिये जाते हैं उसमें से डोनर को 8-10 रुपये की ही चीज मिलती है। बाकी ब्लड बैंक की जेब में। लोगों को दिया जाने वाला लेमन ड्रिंक थोक में मंगवाया जाता है। थोक में इसके एक पैक की कीमत बमुश्किल 9-10 रुपये ही आती है। मेडिकल कॉलेज में इस ड्रिंक के अलावा ब्लड देने वाले को कुछ और नहीं दिया जाता। जबकि अगर मार्केट रेट के हिसाब से 200 एमएल का कोई सॉफ्ट ड्रिंक भी मरीज को दिया जाए तो उसके साथ 4 रुपये का ग्लूकोज बिस्किट भी बीस रुपये के बजट में आ सकता है। लेकिन डोनर को केवल लेमन जूस का पैक देकर टरका दिया जाता है।
Do you know
- लोग मानते हैं ब्लड डोनेट करने के बाद वो लो फील करते हैं। ये सही है लेकिन अगर तुरंत प्रॉपर ग्लूकोज ले लिया जाए तो कमजोरी कम लगती है। साथ ही ब्लड डोनेशन के बाद मिली गाइडलाइन को सही से फॉलो करें।
- लोग मानते हैं कि ब्लड डोनेट करने के बाद 24 घंटे तक फुल बेड रेस्ट लेना चाहिए। ये गलत धारणा है, क्योंकि ब्लड डोनेशन के बाद जूस और गाइड लाइन को फॉलो करके आप पूरा दिन एक्टिव रह सकते हैं।
- कुछ लोगों को ये भी गलतफहमी है कि ब्लड डोनेशन एक पेनफुल प्रॉसेस है। जबकि जिस समय निडिल शरीर में लगती है उस समय माइनर सा दर्द होता है और इसके बाद दर्द नहीं होता।
- ब्लड देने के बाद स्ट्रेस, सिर दर्द और उल्टी होने संबंधित धारणा भी गलत है। जबकि ब्लड डोनेशन की वजह से इस तरह की कोई समस्या सामने नहीं आती है।
- ब्लड देने के बाद ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर फ्लक्चुएट करता है ये सोचना गलत है। जो भी ब्लड देता है सबसे पहले उसका चेकअप होता है कि वो ब्लड देने के लिए पूरी तरह स्वस्थ है या नहीं। अगर व्यक्ति कोई दवा भी खा रहा है तो उसका ब्लड नहीं लिया जाता।
४कुछ लोग कहते हैं कि ब्लड डोनेट करने की वजह से शरीर में आयरन की कमी हो जाती है जबकि ऐसा नहीं होता। स्वस्थ व्यक्ति जब ब्लड डोनेट करता है तो उसके शरीर में ब्लड बनने की क्षमता बढ़ जाती है। वो तीन महीने बाद दोबारा ब्लड दे सकता है।
अगले24 घंटों में जूस समेत 10-12 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए।
धूप में घूमने से बचना चाहिए।
2-3 घंटे तक ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए
अगले चार घंटे तक स्मोकिंग एवॉइड करें
अगले 24 घंटे तक एल्कोहल से दूर रहना चाहिए
'मैंने अपनी मां के लिए ब्लड डोनेट किया था। मेडिकल कॉलेज की ब्लड बैंक मेें ब्लड डोनेट करने के बाद मुझे एक छोटा बिस्किट का पैकेट दिया गया। दो रुपए कीमत के इस बिस्कुट के पैकेट के साथ दस रुपए थमा दिए कि बाहर जूस वाले के पास से जूस पी लेना। ब्लड देने के बाद कमजोरी महसूस हो रही थी, लेकिन क्या करता?'
-हरीश कुमार, ब्लड डोनर
'हमारा एक पेशेंट एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती है। उसका ऑप्रेशन आज दोपहर में होना है। हमसे डॉक्टर ने खून लाने के लिये कहा। यहां के ब्लड बैंक में मैंने सुबह खून दिया और पैसे जमा करा दिए हैं। मुझे ब्लड देने के बाद चक्कर महसूस हो रहे थे। मुझे केवल एक लेमन जूस दिया गया। इसकी भी कीमत दस रुपए ही थी.'
-सौरभ, ब्लड डोनर
-डॉ। एनसी प्रजापति, प्रिंसीपल, मेडिकल कॉलेज