AGRA 29 Dec. : अपने शहर में एक से बढ़कर एक होटल्स हैं. इनमें पांच सितारा से लॉज तक शामिल हैं. आप यह जानकर अवाक रह जाएंगे कि अपना शहर इल्लीगल होटल्स का हब बन गया है. अवैध होटल लॉज और रेस्तरा मानकों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. किसी का संचालन आवासीय एरियाज में हो रहा है तो किसी में आग बुझाने और पार्किंग तक के इंतजाम नहीं हैं. बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे होटल्स फॉरेन से आने वाले टूरिस्टों को गुमराह कर मनमाने तरीके किराया ऐंठ रहे हैं.


छवि पर लगा रहे दाग, होगी कार्रवाई सिटी के अवैध होटलों में टूरिस्टों के साथ कई बार छेड़छाड़ की घटनाएं हो चुकी हैं। प्यार की नगरी में आने वाले सैलानी जब यहां से ताज का दीदार कर लौटते हैं तो वे यहां से कड़वा अनुभव लेकर जाते हैं। अब ऐसे होटलों पर प्रशासन शिकंजा कसने जा रहा है, सिटी के सभी होटलों को चिह्नित किया जा रहा है। जल्द ही इन पर कार्रवाई की जाएगी। इनको चिह्नित कर नोटिस की कार्रवाई की गई है।शासन को करोड़ों का चूना लगा रहेअवैध होटल, लॉज टैक्स न देकर शासन को करोड़ों के राजस्व का घाटा लगा रहे हैं। ये न तो होटल के मानकों को फॉलो कर रहे हैं और नहीं सराय एक्ट का। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन  ने टूरिस्ट सिटी को देखते हुए इस पर 10 मानक तय किए हैं। ये होटल इन रुल्स को भी नहीं मान रहे।
रिकॉर्ड में है ये होटल  सिटी में करीब सात फाइव स्टार होटल हैं, इनमें जेपी,  विन्डम, अमर विलास, मुगल, ताज व्यू, क्लार्क-शिराज,  मान सिंह होटल का नाम शामिल हैं। आधा दर्जन से ज्यादा थ्री स्टार हैं। 300 से भी ज्यादा वन और टू स्टार हैं। सैकडों की संख्या में होटल और लॉज बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं।


क्या कहता है सराय एक्टव्यवसायिक गतिविधियों के लिए खोले गए भवन होटल लॉज, रेंस्तरा को  सन् 1867 में बने सराय एक्ट के तहत खुद को पंजीकृत कराना होता है। सरकार द्वारा इस अधिनियम में कोई अमेंडमेंट नहीं किया गया है। होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान कहते हैं कि अब ये एक्ट मौजूदा समय में प्रासंगिक नहीं रहा है। होटल संचालन के मानकहोटल -लॉज संचालन  के लिए संचालन कर्ता के पास खाद्य विभाग, नगर निगम,  लेबर डिपार्टमेंट, भवन के स्वामित्व  के समस्त दस्तावेज, बिजली  का  कमर्शियल  यूज का सर्टिफिकेट प्राप्त होना चाहिए। इसके अलावा होटल के प्रत्येक कक्ष में अग्निशमन उपकरण व पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए.  इनके बिना होटल संचालन अवैध है। लेकिन दिखाते हैं सुविधाओं का स?जबागअवैध होटलों का संचालन कर रहे  लोग टूरिस्टों को सुविधाओं के स?जबाग दिखाकर गुमराह कर  मनमानी तरीके से किराया लेते हैं। उनके वहां वह सुविधाएं नहीं होती जो वह टूरिस्ट को एंट्री करने पर बताते हैं। रूम बुक कराने के बाद  टूरिस्ट खुद को ठगा महसूस करता है।इन होटल का नहीं है रजिस्ट्रेशन

होटल आगरा डीलक्स फतेहाबाद रोड,  होटल एंड बार ईस्ट लाइट,  होटल अशोक यात्री निवास,  होटल अर्जित पैलेस,  होटल अग्रवाल पैलेस,  होटल आरती गेस्ट हाउस,  होटल आर्यन ताज रिर्जाट, होटल एनीमेंट,  होटल बीजी गेस्ट हाउस आगरा,  होटल ?लू हैवन, होटल क्लासिक गोल्ड,  होटल चौधरी गेस्ट हाउस, चन्द्रा गेस्ट हाउस,  होटल डी रेजीडेन्सी,  होटल द्वारकेश,  होटल दातारा,  होटल सपना एंड रेस्टोरेंट,  होटल पार्क प्लाजा,  होटल मुस्कान,  होटल गुलिस्तॉ गेस्ट हाउस,  होटल लक्की पैलेस,  होटल रतन पैलेस,  होटल सूर्या,  होटल ताज गेस्ट हाउस,  होटल सत्या,  होटल शिवानी  होटल द पे्रसीडेंट, होटल उदय विलास होटल विक्रम पैलेस होटल सनसेट समेत तकरीबन 75 होटल बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं।राजकुमार, एडीएम सिविल सप्लाईसिटी में अवैध रूप से संचालित हो रहे होटल लॉज को चिह्नित कर नोटिस दिया गया है इनकी रिपोर्ट थानों को भी भेज दी गई है, निर्धारित समयावधि में रजिस्ट्रेशन न कराए जाने पर गेस्ट को रोकने को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। इनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।राकेश चौहान, अध्यक्ष होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आगरा1867 में बना  सराय एक्ट अब प्रासंगिक नहीं है, अगर किसी के पास चार लाइसेंस हैं तो इसकी कोई आवश्यकता नहीं रह जाती है, इसका पालन लखनऊ में भी नहीं हो रहा है। इसके नाम पर व्यापारियों  उत्पीडऩ किया जाता है.

Posted By: Inextlive