ट्रांसफर के बाद भी कैंट पर डटा जीआरपी सिपाही
टैक्सी चालकों से करता है जबरन वसूली, सादा कपड़ों में ही वसूलता है चौथ
न देने पर चालकों का शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न, एसएसपी पहुंचे चालक आगरा। आगरा कैंट पर गाडि़यों से वसूली का खेल पुराना है, लेकिन उसमें सिपाही का नाम पहली बार सार्वजनिक तौर पर सामने आया है। सिपाही पर सादा कपड़ों में डरा-धमकाकर ऑटो चालकों व टैक्सी चालकों से जबरन वसूली किए जाने का आरोप है। महीनेदारी न देने पर सिपाही लोगों मानसिक और शारीरिक रूप से उत्पीड़न कर रहा है। बुधवार को यूनियन के लोग शिकायत लेकर एसएसपी ऑफिस पहुंचे थे। यूनियन ने की शिकायतड्राइवर यूनियन के अध्यक्ष शाहिद खान के मुताबिक जीआरपी सिपाही का आगरा कैंट से स्थानांतरण कर दिया है। जब वह कैंट पर तैनात था उस दौरान वह सादा कपड़ों में ऑटो व टैक्सी चालकों से जबरन वसूली व कारोबारियों से महीनेदारी वसूल करता था। 14 जुलाई 2015 में उसका ट्रांसफर किया गया है। बावजूद इसके वह कैंट पर ही मौजूद रहता है। उसकी दबंगई कम नहीं हुई। अब भी वसूली का खेल जारी है।
लावारिस में बंद करता है वाहनयूनियन के लोगों का कहना था कि शिकायत करने पर सिपाही उन्हें डरा-धमका देता था। अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देकर कार्रवाई करने से रोक देता था। महीनेदारी न देने पर वह वाहन के पूरे कागज होने पर भी उन्हें लावारिस में बंद कर देता था। इससे चालकों का मानसिक व शारीरिक रूप से उत्पीड़न होता है। उसकी इन हरकतों से परेशान होकर चालक उसे रुपया देने पर मजबूर होते हैं।
सीसीटीवी में है कैद यूनियन के लोगों का कहना था कि जांच की जाए तो सिपाही के मोबाइल की लोकेशन अधिकतर कैंट स्टेशन के आसपास ही मिलेगी। साथ ही वह सीसीटीवी कैमरा में भी हमेशा नजर आएगा। पीडि़त लोग एसएसपी ऑफिस पहुंचे। यहां पर उन्होने कार्यालय पर शिकायत दी है। साथ ही इस मामले में एसपी रेलवे को भी इस संदर्भ में पत्र लिखा है। यह भी जानकारी मांगी है कि सिपाही की वर्तमान तैनाती किस थाने में है।