- एसएन में डेली आ रहे हैं 25 से 30 सीरियस पेशेंट्स

- पहले आ रहे थे 10 से 15 सीरियस पेशेंट्स

आगरा। ऑक्सीजन की किल्लत इस वक्त बड़ी समस्या बन रही है। सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में फिलहाल तो ऑक्सीजन की किल्लत नहीं है, लेकिन बढ़ते कोविड पेशेंट्स को देखते हुए यहां भी ऑक्सीजन का उपयोग चार गुना तक बढ़ जाएगा। फिलहाल एसएन के 100 वार्ड के कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है। लेकिन, डेली आ रहे पेशेंट्स की संख्या को देखते हुए दूसरे 100 बेड के कोविड हॉस्पिटल में भी ऑक्सीजन की जरूरत होगी।

बढ़ रहे कोविड पेशेंट्स

सितंबर से पहले एसएन मेडिकल कॉलेज में डेली 10 से 15 कोविड पेशेंट्स आ रहे थे। लेकिन, सितंबर में ये संख्या 25 से 30 हो गई है। इससे यहां पर ऑक्सीजन का कंजप्शन भी बढ़ने लगा है। एसएन प्रिंसिपल डॉ। संजय काला ने बताया कि फिलहाल हमारे पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन है। इसके लिये सप्लाई भी हो रही है। लेकिन इसी रफ्तार से सीरियस पेशेंट्स आते रहे तो हमारा ऑक्सीजन कंजप्शन तीन से चार गुना तक बढ़ सकता है।

15 हजार किलोलीटर के टैंक से सप्लाई

एसएन में कोरोना संक्रमित पेशेंट्स के लिए 100-100 बेड के दो आइसोलेशन वार्ड बने हुए हैं। इन दोनों को 15 हजार किलोलीटर के टैंक से ऑक्सीजन की आपूíत हो रही है। पहले एक ही वार्ड में पेशेंट्स एडमिट थे और औसतन 50 से 60 पेशेंट्स का इलाज चल रहा था। बीते दिनों ही यह वार्ड फुल होने के बाद नए वार्ड में पेशेंट्स भर्ती किए जा रहे हैं। इनके लिए ऑक्सीजन की जरूरत को देख पोस्टमार्टम हाउस के पास बने 10 हजार किलोलीटर के टैंक को नए आइसोलेशन वार्ड से जोड़ा जा रहा है। यहां से सीधे पेशेंट्स के बेड तक ऑक्सीजन पहुंचेगी। यह कार्य दो-तीन दिन में पूरा हो जाएगा।

इनको सिलिंडर से मिलेगी ऑक्सीजन

अभी इस टैंक से सर्जरी, ईएनटी और हड्डी रोग के पेशेंट्स के लिए ऑक्सीजन की आपूíत हो रही थी। ऐसे मरीजों की संख्या फिलहाल कम होने के कारण, इनको सिलिंडर से ऑक्सीजन देने की व्यवस्था की गई है। सामान्य हालत होने पर फिर से टैंक से इन पेशेंट्स को ऑक्सीजन मिलेगी।

इसलिये बढ़ रही ऑक्सीजन की डिमांड

कोविड-19 का संक्रमण सीधा फेंफड़ो पर असर करता है। ऐसे में पेशेंट्स को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। यदि पेशेंट्स को आराम नहीं मिलता है तो वाइपैप मशीन से ऑक्सीजन दी जाती है। फिर भी आराम न मिले तो वेंटिलेटर सपोर्ट पर पेशेंट का इलाज किया जा रहा है।

-डॉ। अजीत सिंह चाहर, एसएनएमसी

फिलहाल हमारे पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन है। इसके लिये सप्लाई भी हो रही है। लेकिन इसी रफ्तार से सीरियस पेशेंट्स आते रहे तो हमारा ऑक्सीजन कंजप्शन तीन से चार गुना तक बढ़ सकता है।

-डॉ। संजय काला, प्रिंसिपल एसएनएमसी

Posted By: Inextlive