पति-पत्नी में संवाद हुआ तो शक दूर हो गया. रूठे हुए मान गए. रविवार को परिवार परामर्श केंद्र में एक साल में 500 से अधिक मामलों में समझौता कराया गया है जबकि तीन सौ मामलों में दंपति को आगे की डेट दी गई है. 200 मामलों में काउंसलिंग के बाद एफआईआर के आदेश दिए गए हैं समझौते के बाद खुशियां लौट आईं. हाथों में लिए हाथ पति-पत्नी साथ-साथ घर गए. रविवार को आठ मामलों में समझौता कराया गया जबकि अन्य मामलों में नेक्स्ट डेट जारी की गई है.

आगरा(ब्यूरो)। रविवार को पुलिस लाइन स्थित परिवार परामर्श केन्द्र पर पहुंचे। आठ मामलों में पति-पत्नी के बीच समझौता हो गया। समझौता नहीं होने पर कुछ एक मामलों में एफआईआर के आदेश दिए हैं। दो दर्जन से अधिक मामले काउंसलिंग के लिए पहुंचे थे। केंद्र की प्रभारी कमर सुल्ताना ने बताया कि केंद्र पर पति-पत्नी के बीच शक के मामले सबसे अधिक आ रहे हैं। इसके बाद परिवार में सास, ननद और पति के साथ क्लेश के मामलों की संख्या अधिक है। पत्नी के मायके से बताई गई तारीख पर नहीं लौटने से लेकर अन्य छोटी बातों पर भी अनबन के मामले भी आते हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र के काउंसलर की कोशिश ज्यादा से ज्यादा मामलों में सहमति बनाने की होती है। करीब 50 फीसदी मामलों में पति-पत्नी फिर साथ में आ जाते हैं।

केस-1
बात हुई तो शक दूर हो गया
मेरा शक पूरी तरह से समाप्त हो चुका है। यह कहते हुए रागिनी (बदला हुआ नाम) की आंखों से आंसू छलक आए। उन्होंने बताया कि एक साल पहले कोरोनाकाल में दोनों के बीच शक उपजा था। घर पर रहकर मेरे पति सौरभ (बदला हुआ नाम) देर रात तक फोन पर बात करते थे। काउंसिलिंग में इस मुद्दे पर बात हुई तो शक दूर हो गया। मैं फिर से पति के साथ जाकर काफी खुश हूं।

केस-2
तीन महीनों बाद मिला सुकून
पति राकेश कुमार पत्नी सुधा (बदले हुए नाम) के काफी दिनों से मायके से नहीं लौटने पर नाराज हो गए थे। बात इतनी बढ़ी कि दोनों को परामर्श केंद्र तक आना पड़ा। दो तारीखों के बाद मामले में रविवार को केंद्र के काउंसलरों ने समझौता करा दिया। राकेश का कहना था कि हम दोनों की गलतफहमियां दूर हो चुकी हैं। तीन महीने के बाद सुकून महसूस कर रहे हैं।

एक साल में दो मामलों में एफआईआर
केंद्र पर सालभर में दो सौ ऐसे मामले आए जिनमें लगातार काउंसिलिंग के बाद भी सहमति नहीं बनी। इन मामलों में परिवार परामर्श केन्द्र एफआईआर करा दी गई। काउंसलर ने बताया कि इन मामलों में चार दिसबंर तक काउंसिलिंग की जा चुकी है। समझौते की संभावना नहीं बनने पर रविवार को एफआईआर के लिए महिला थाने भेज दिया गया।


सलाह, संवाद से ही मिटेगा शक
-दंपति आपस की बात तीसरे से नहीं करें।
-पति-पत्नी लगातार संवाद करते रहें।
-शक को बातचीत से दूर करने की कोशिश करें।
-परिवार के लोग बैठकर समस्या पर बात करें।

वर्ष 2022 में महिला कंप्लेन की स्थिति
-एक साल में काउंसलिंग को आए मामले
1224
-पति-पत्नी के बीच काउंसलिंग के बाद कराया समझौता
500
- काउंसलिंग के बाद एफआईआर के जारी किए आदेश
200
-समझौते की संभावना पर दंपति को दी नेक्स्ट डेट
300
-डेट में अनुपस्थित रहने पर पेंडिंग मामलों की संख्या
224


पिछले साल की तुलना में इस वर्ष अधिक मामलों में समझौता कराया गया है, पांच सौ मामलों में समझौता कराया गया है, दो सौ मामलों में समझौता न होने पर एफआईआर के आदेश दिए हैं।
कमर सुल्ताना, परामर्श केन्द्र प्रभारी

Posted By: Inextlive