AGRA: एक टीचर की फिजिकल और मेंटल फिटनेस उसके पढ़ाने के तौर तरीके पर असर छोड़ती है. इसी मंशा को ध्यान में रख टीचिंग की टे्रनिंग लेने जा रहे बीएड स्टडेंट्स का रूल्स के मुताबिक मेडिकल सर्टिफिकेट मांगा जाता है. लेकिन सिटी का डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल नौनिहालों सहित अन्य का फ्यूचर दाव पर लगाने से नहीं चूक रहा है. वो खुलेआम सभी स्टूडेंट्स का पूरी तरह फिट होने का सर्टिफिकेट दे रहा है. वहीं इसके बदले में हेल्थ डिपार्टमेंट बिना खौफ के भारी-भरकम वसूली कर रहा है. इसके लिए हेल्थ डिपार्टमेंट ने अपने रेट भी खोल रखे है.


पहुंच रहे स्टूडेंट्स बीएड की काउंसलिंग में फिटनेस सर्टिफिकेट की मांग के चलते डेली डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में 50 से 70 स्टूडेंट्स पहुंच रहे हैं। इनको सर्टिफिकेट प्रोवाइड करवाने के नाम पर 250 से एक हजार तक की वसूली हो रही है। जबकि गवर्नमेंट की ओर से सर्टिफिकेट के लिए केवल 60 रुपए निर्धारित किए गए हैं।दिखाते हैं पूरी तरह फिट अगर कोई स्टूडेंट पूरी तरह से फिट नहीं है, तो उसको एकदम फिट दिखाने के लिए हजारों रुपए स्टूडेंट्स से लिए जा रहे हैं। पूरा खेल सीएमएस आफिस के बाहर बिना किसी डर के चल रहा है। अगर, आपकी आंख भी खराब है तो आपसे फीस लेकर पूरी तरह से फिट बना दिया जाएगा।केस-वन किरावली की रीना अपनी बड़ी बहन के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंची थीं। उनसे 500 रुपये सर्टिफिकेट के लिए गए हैं।केस-टू


रमेश जादौन ने फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए 700 रुपये दिए हैं। बल्केश्वर के रमेश के मुताबिक काफी जद्दो जहद करने के बाद इतने पैसों में बात बन पाई है।वर्जन मेरे संज्ञान में इस तरह का कोई मामला नहीं आया है। अगर किसी से रुपये वसूले जा रहे हैं, तो मामले की जांच करवाई जाएगी और सख्त कार्यवाही होगी।

- डॉ। एके आर्या, सीएमएस

Posted By: Inextlive