Agra:यहां जो कोई पहुंचा वह दीवाना होकर रह गया. कोई हाथ की कारीगरी पर लट्टू हुआ तो कोई शिल्पियों के हुनर की बारीकी जानकर उनका कायल हो गया. ताज महोत्सव में जहां दिन भर कारीगरी का जादू चला तो वहीं शाम को सजी महफिल में सुर ताल और अदाकारी के हुनरमंदों ने लोगों को अपना मुरीद बना दिया.


ताल से ताल मिलीशिल्पग्राम के ओपेन एयर स्टेज पर क्लासिकल डांस की थिरकन ने समा बांधा। पद्मश्री गीता चंद्रन के भरतनाट्यम ने सभी का दिल जीत लिया। रंजना चक्रवर्ती की क्लासिकल सिंगिंग परफार्मेंस के बाद सितार व सरोद पर लक्ष्यमोहन गुप्ता और आयुषमोहन के साथ अन्वेषा दास ने जुगलबंदी की। अपनी वीणा के तार से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देने वाले पं। विष्णुमोहन भट्ट राजकुमार मिश्र अ ौर गालीखान मनियार ने सुर और ताल की महफिल को कामयाबी के शिखर पर पहुंचाया।यहां भी सजी शाम
ताजमहोत्सव के तहत पहली बार सदर बाजार के मुक्ताकाशीय मंच पर संदीप मलिक के कथक और मिथिलेश कुमार के गायन ने लोगों को खूब भरमाया। कव्वाल मतलूब नियाजी ने यहां मौजूद लोगों को अपनी कव्वाली से झूमा दिया। वहीं सूरसदन में आगरा की सांस्कृतिक विरासत में शामिल भगत का मंचन किया गया। नारिहंत का अंत की इस प्रस्तुति को श्रीकाव्य कला भगत संगीत के आर्टिस्ट्स ने पेश किया।

Posted By: Inextlive