नवागत एसएसपी अमित पाठक ने संभाला सिटी का चार्ज

दस वर्ष के पेंडिंग मामलों को किया जाएगा वर्क आउट

आगरा। पुलिस में की गई फरियाद अब दो दिन के अंदर सॉल्व हो सकेगी। विशेष तौर पर एसएसपी ऑफिस में पहुंचने वाले पीडि़तों को जल्द न्याय मिलेगा। उन्हें कई-कई दिनों तक पुलिस ऑफिस के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सुनवाई न होने वाली आदत की छवि से बाहर आने की कोशिश में जुटी पुलिस विभाग में आए नए एसएसपी ने नई स्ट्रेटजी तैयार की है। इसके तहत फरियादियों के कंप्लेन लैटर पर 'स्टार' मार्क किया जाएगा। यह स्टार अधीनस्थों के लिए एक संकेत होगा कि उस कंप्लेन को तत्काल निपटाया जाए और पीडि़त को न्याय दिया जाए।

48 घंटे में रिपोर्ट देना

शनिवार को चार्ज संभालते ही एसएसपी अमित पाठक ने अपनी तरह से काम करने का तरीका अपनाना शुरू कर दिया। एसएसपी ने अपने पास आने वाली एप्लीकेशन पर प्रोगे्रस रिपोर्ट पता करने के लिए डिफरेंट तरीका अपनाया है। वह अपने पास आने वाली शिकायती पत्रों पर एक स्टार बनाते हैं। साथ ही जिस अधीनस्थ को मामले में कार्रवाई आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाती है, उसके नाम को शॉर्ट फॉर्म में लैटर पर इंगित कर दिया जाता है। उस शिकायत पर 48 घंटे में प्रगति रिपोर्ट देने के सख्त निर्देश हैं।

अधीनस्थों की जिम्मेदारी तय

नवागत एसएसपी के काम के इस तरीके से अब अधीनस्थों के लिए काम करना तय है। चूंकि कई बार मामलों में प्रार्थनापत्रों को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है या फिर पीडि़त कागज हाथ में पकड़ कर यहां से वहां भटकता रहता है, लेकिन उस पर अब अधिकारी का चिन्ह इस बात का प्रमाण है कि वह अपना प्रार्थनापत्र दे चुका है। साथ ही जिस भी अधीनस्थ को काम दिया गया था, उसके बारे में भी जानकारी रहेगी। इससे पीडि़त को काफी आसानी होगी।

2007 बैच के आईपीएस हैं

एसएसपी अमित पाठक 2007 बैच के आईपीएस हैं। इससे पूर्व वह 36 पीएसी बटालियन राम नगर, बनारस में रहे। वह एसपी फतेहपुर, चंदौली, अलीगढ़, एटा और एसपी रेलवे गोरखपुर रहे। अब वह एसपी एसटीएफ लखनऊ थे।

Posted By: Inextlive