संसाधनों की कमी और अन प्रोफेशनल स्टाफ के कारण अब और जान नहीं जा पाएंगी क्योंकि झोलाछाप अब इलाज नहीं कर पाएंगे. विभाग की ओर से निजी चिकित्सक और पैरामेडिकल की पहचान यूनिक आईडी पहचान दस्तावेज से होगी. पहले चरण में हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री में हॉस्पिटल का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है.

आगरा(ब्यूरो)। 150 हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। दूसरे चरण में हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इन्हें यूनिक आईडी दी जाएगी।

यूनिक आईडी ही होगी पहचान
जिले में 494 हास्पिटल रजिस्ट्रेशन हैं। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की वेबसाइट (abd.com) पर हॉस्पिटल का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री के तहत हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन के बाद क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर समेत अन्य चिकित्सकीय प्रतिष्ठानों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इसमें हॉस्पिटल में उपलब्ध सुविधाएं, बेड की कैपेसिटी, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ करी डिटेल, विभागों के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के दस्तावेज अपलोड किए जा रहे हैं।

डिटेल अपलोड की जाएगी

हेल्थ फैसिलिटी के रजिस्ट्रेशन के बाद सेवा देने वाले डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की डिटेल अपलोड की जाएगी। इस पोर्टल पर एजुकेशनल सर्टिफिकेट के साथ ही स्टेट मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रेशन की डिटेल भी होगी। इसके आधार पर हर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की यूनिक आईडी जारी की जाएगी। यूनिक आईडी धारक ही इलाज कर सकेंगे।

झोलाछाप नहीं कर पाएंगे इलाज
जिले में तमाम झोलाछापों ने डॉक्टर्स के सर्टिफिकेट लगाकर हॉस्पिटल खोल दिए हैं। यूनिक आईडी जारी होने के बाद अवैध हॉस्पिटल पर लगाम लग जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम छापे के दौरान सेवाएं दे रहे डॉक्टर और कर्मचारियों से यूनिक आईडी की जानकारी लेगी। जिसके पास यूनिक आईडी और एजुकेशनल सर्टिफिकेट नहीं होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

जिले में चिकित्सकीय प्रतिष्ठान
हॉस्पिटल - 494
क्लीनिक - 493
पैथोलॉजी लैब- 170
डायग्नोस्टिक सेंटर -104
कलेक्शन सेंटर - 07
डायलिसिस सेंटर - 01

पहले चरण में हॉस्पिटलों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है, 150 के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। इसके बाद डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की यूनिक आईडी जारी की जाएगी।
-डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ

झोलाछाप क्लीनिक और हॉस्पिटल संचालित कर रहे हैं। मगर, नई प्रक्रिया के बाद डॉक्टर्स इलाज कर पाएंगे। इससे मरीजों को फायदा मिलेगा। उन्हें संसाधनों की कमी के कारण होने वालीं समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
डॉ। पंकज नगाइच, सचिव आईएमए, आगरा

Posted By: Inextlive