आगरा. एक कहावत है कि जानते सब है.लेकिन मानता कोई नहीं है.सिटी में पडऩे वाले रेलवे फाटकों के बंद होने पर भी लोगों की आवाजाही.इसी कहावत को सिद्ध करती है.रेलवे फाटकों पर होने वाली घटनाओं की बात की जाए तो हर पंद्रह दिन में किसी न किसी फाटक पर ऐसी दुर्घटना हो जाती है. इसके बावजूद बिना कोई सबक लिए लोग बंद फाटकों को क्रॉस करके गुजर रहे है.


आधा दर्जन से ज्यादा फाटक
सिटी के अंदर रेलवे के आधा दर्जन से ज्यादा फाटक है.जहां से रोजाना हजारों लोगों की आवाजाही होती रहती है.इसमें रुई की मंडी, सिकंदरा, इंडस्ट्री एरिया, नुनिहाई सहित तमाम ऐसे फाटक है.जहां महीने कोई न कोई अपनी लापरवाही से जान गंवा बैठता है.

जान से महंगा टाइम
जब इस संबंध में फाटक क्रॉस करने वालों देवेंद्र सिंह से पूछा गया तो,उसका कहना था कि वे लेट हो रहे थे.इसलिए फाटक क्रॉस किया था। वहीं,दूसरे रमेश का कहना था कि अभी ट्रेन बहुत दूर थी, इसलिए क्रॉस किया.

अगर सिपाही की तैनाती हो जाए
फाटकों पर जीआएपी की तैनाती के लिए कोई रूल नहीं है। उनकी तैनाती केवल रेलवे स्टेशन्स पर रहती है। अगर कहीं किसी फाटक पर हादसा हो जाता है तो कुछ दिन के लिए एक सिपाही तैनात कर दिया जाता है। उस दौरान चाहे किसी को भी कितना लेट क्यों न हो रहा हो। मजाल है फाटक क्रॉस कर जाएं.


 

Posted By: Inextlive