जब भी बाजार जाती हूं तो पहले घर से ये सोचकर निकलना पड़ता है कि अगर टॉयलेट जाना पड़े तो कहां जाना है. इस तरह की समस्या से सिर्फ शालिनी को ही नहीं जूझना पड़ता बल्कि मोनिका कंचन हिमांशी और न जाने कितनी ऐसी महिलाएं हैं जो रोज इसी तरह की चुनौती से जूझती हैं. इसके पीछे वजह है शहर में महिलाओं के लिए टॉयलेट न होना. जहां पिंक टॉयलेट बने भी हैं तो इनमें से अधिकतर बंद हैं या फिर ऐसी जगह बने हैं जहां महिलाएं इनका इस्तेमाल करने में खुद को अनसेफ महसूस करती हैं.

आगरा(ब्यूरो)। शहर में 30 स्थानों पर पिंक टॉयलेट बने हैं लेकिन इनमें से अधिकतर रखरखाव के अभाव में यूज करने लायक नहीं रहे हैं या फिर अतिक्रमण हो रखा है। एमजी रोड पर हरीपर्वत के पास नगर निगम के महिला टॉयलेट पर ताला लटका हुआ है। जबकि यहां रोज हजारों की संख्या में महिलाओं का आवागमन रहता है। कई बाजारों को जोडऩे वाली ये प्रमुख रोड है।

राजामंडी में भी नहीं व्यवस्था
राजा की मंडी शहर का प्रमुख बाजार है। यहां रेडीमेड से लेकर स्टेशनरी कारोबार, कॉस्मेटिक से लेकर फुटवियर तक की दुकानें हैं। रोज बड़ी संख्या में महिलाएं यहां खरीदारी करने के लिए आती हैं। लेकिन, यहां महिलाओं के लिए टॉयलेट नहीं है। ऐसे में महिलाओं को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी तरह हॉस्पिटल रोड के बाजारों में भी महिलाओं को समस्या उठानी पड़ती है। यहां भी महिलाओं के लिए टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है।


बाजार में महिलाओं के लिए टॉयलेट की कोई व्यवस्था नहीं है। पिंक टॉयलेट भी बनाए हैं तो उसके आसपास भी पुरुषों का जमावड़ा रहता है।
निधि बेदी


जहां टॉयलेट हैं भी वहां या तो उन पर ताला लटका हुआ है या फिर इतने गंद हैं कि इनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। महिलाओं की समस्याओं की ओर किसी का ध्यान नहीं है।
श्वेता चंदेल

शहर का ऐसा कोई बाजार नहीं है, जहां महिलाओं के लिए टॉयलेट हो। न तो जनप्रतिनिधि और न ही अफसर इस ओर कोई ध्यान दे रहे हैं।
राजेश्वरी बघेल


सिंधी बाजार में बड़ी संख्या में दुकानें हैं। हजारों की सख्ंया में महिला खरीदार भी रोज आती हैं। बावजूद इसके यहां महिलाओं के लिए टॉयलेट तक की भी व्यवस्था नहीं है।
रजनी अग्रवाल

ई-टॉयलेट में हुआ घोटाला
आगरा नगर निगम द्वारा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 3 करोड़ 42 लाख की लागत से बनाए गए ई टॉयलेट खराब हो गए हैं। टॉयलेट बनाने और देखभाल करने वाली कंपनी को नगर निगम ने कानूनी नोटिस देते हुए रख रखाव का भुगतान रोक दिया है और कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। ई-टॉयलेट ठीक न होने तक कंपनी पूरे देश के किसी भी शहर के नगर निगम में काम नहीं कर पाएगी। बता दें कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम ने शहर के 8 प्रमुख स्थानों पर ई टॉयलेट बनाने का टेंडर निकाला था। स्मार्ट टेक कंपनी के द्वारा अप्रैल 2019 में पहला ई टॉयलेट बनाया गया था। इसके बाद अन्य सात स्थानों पर भी टॉयलेट बनाए गए थे। इन टॉयलेट में 5 रुपए का सिक्का डालकर व्यक्ति टॉयलेट का इस्तेमाल कर सकता था।

बंद पड़े हुए हैं अधिकतर टॉयलेट
नगर निगम द्वारा पर्यटकों और भीड़ भाड़ वाले इलाकों को ध्यान में रखते हुए जलकल लैंड, ताजगंज में जेपी होटल के पीछे पुलिस चौकी के पास, एडीए पार्क के पास 100 फु टा रोड पर, ट्राईडेंट होटल तिराहा, बसई मंडी के पास, अमर होटल के निकट और ताजमहल के पूर्वी और पश्चिमी गेट के पास ई टॉयलेट बनाए थे। वर्तमान में अधिकांश टॉयलेट में पानी की व्यवस्था नहीं है और यह बंद पड़े हुए हैं। ताजमहल पश्चिमी गेट पर भीड़ के दौरान पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। दैनिक भास्कर द्वारा पर्यटकों की इस परेशानी को प्रमुखता से उठाया गया था।

Posted By: Inextlive