एंटीबॉडीज कर रही कोरोना की रफ्तार धीमी
-एसएन की ब्लड बैंक में मिल रही 10 में से 3 में एंटीबॉडीज
-एंटीबॉडीज से टूट रही कोरोना की चेन -------------- इस समय कोरोना की स्थिति 78 एक्टिव केस 10452 कुल केस 10203 ठीक हुए पेशेंट्स 171 की हुई मौत ----------------- दस से कम मिल रहे केस 21 जनवरी 4 20 जनवरी 3 19 जनवरी 5 18 जनवरी 8 17 जनवरी 9 16 जनवरी 7आगरा। बीते कुछ दिनों से कोरोना के संक्रमण की रफ्तार थमी है। अब डेली दस से कम लोगों में कोरोना का संक्रमण मिल रहा है। गुरुवार को भी चार लोगों में ही कोरोना का संक्रमण मिला है। लेकिन कोरोना का संक्रमण अचानक कम कैसे हो गया। यह भी सवाल है। इसका जवाब है कि अब लोगों में एंटीबॉडीज बनना शुरू हो गया है। एसएन मेडिकल कॉलेज की ब्लड बैंक में डेली 10 से 15 लोगों के एंटीबॉडीज की जांच कराने के लिए आ रहे हैं। इनमें से 3 से 4 लोगों में एंटीबॉडीज बन रही है। इससे कोरोना की चेन ब्रेक हो रही है।
सर्दी में संक्रमण बढ़ने की थी आशंकाऐसा माना जा रहा था कि तेज सर्दी के साथ कोरोनावायरस का संक्रमण भी तेज होगा। लेकिन आगरावासियों के एहतियात बरतने और हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रयासों से सर्दी में कोरोना की रफ्तार में कमी आई है और वायरस को लगभग कंट्रोल कर लिया है। सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ। नीतू चौहान ने बताया कि ब्लड बैंक में एंटीबॉडीज की जांच की जाती है। पहले की अपेक्षा अब लोगों में एंटीबॉडीज बनने की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। पहले जहां दस में से एक व्यक्ति में ही एंटीबॉडीज मिलती थी, वहीं अब 10 में से 4 लोगों में एंटीबॉडीज बन रही हैं। ये लोग वो हैं जिनको कोरोना नहीं हुआ है।
एंटीबॉडीज से रुक रही कोरोना की चेनडॉ। नीतू चौहान ने बताया कि कोरोना के केस की रफ्तार में लोगों में एंटीबॉडीज बनने का भी एक रोल हो सकता है। उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति को कोरोना होता है और उसके आस-पास के व्यक्ति में एंटीबॉडीज हैं ऐसे में उसे कोरोना का संक्रमण नहीं होता है। सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। अजीत सिंह चाहर बताते हैं कि जिन लोगों में एंटीबॉडीज बन रही हैं हो सकता है कि वे पहले ही संक्रमित हो गए हों और उन्हें पता न चले। इससे इन लोगों में एंटीबॉडीज बन गईं। इस स्थिति में कोरोनावायरस का संक्रमण इन लोगों को संक्रमित नहीं कर रहा है और ये अन्य लोगों को भी इंफेक्ट नहीं कर रहे हैं। इससे कोरोना की चेन टूट रही है और संक्रमण की दर में कमी आ रही है।
100 में एक की रिपोर्ट पॉजिटिव कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए कोविड की जांच लगातार की जा रही हैं। आगरा में डेली दो हजार से अधिक लोगों की कोरोना जांच की जा रही है। जनवरी में अब तक 40 हजार से ज्यादा सैंपल लिए जा चुके हैं। इसमें से अब तक 267 पेशेंट्स में कोरोनावायरस का संक्रमण मिला है। 37033 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई। वहीं जनवरी में कोरोना पेशेंट्स की मौत पर लगाम लगी है। अब तक एक ही पेशेंट की मौत हुई है। अब जिले में 78 एक्टिव पेशेंट हैं, इनमें से 4 पेशेंट्स का इलाज कोविड हॉस्पिटल में चल रहा है और अन्य 74 पेशेंट्स का उपचार होमआइसोलेशन में चल रहा है। लगातार घट रहा संक्रमण मार्च 12 अप्रैल 441 मई 439 जून 380 जुलाई 566 अगस्त 1145 सितंबर 2818 अक्टूबर 1528 नवंबर 2004 दिसंबर 801 जनवरी 267 अब करना होगा बचावकोरोनावायरस का संक्रमण काबू में जरूर आ रहा है लेकिन इससे बचने के लिये अब भी बचाव के उपायों को फॉलो करना जरूरी है। हेल्थ डिपार्टेमेंट और प्रशासन भी इसको कंट्रोल करने के लिये लगातार काम कर रहा है। लेकिन इसके लिये हमें खुद को सतर्क रहने की जरूरत है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बीच कोरोना का नया स्ट्रेन आ गया है। जो कोरोना के खतरे को बढ़ा सकता है। इसलिए इन दिनों ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। कोरोना बचने के उपायों में हमें ढील नहीं बरतनी चाहिए। जब भी घर से बाहर जाएं तो हमेशा मास्क पहन कर ही जाएं। बाहर भी फिजिकल डिस्टेंस का विशेष ख्याल रखें। अपने हाथों को साफ करते रहें। ऑफिस में भी काम करने के दौरान कोई ढील न बरतें। कोविड-19 के बारे में क्रेडिबल सोर्स से ही जानकारी प्राप्त करें।
कोरोना से बचाव के लिये इनका पालन अवश्य करते रहें - बिना शारीरिक कॉन्टेक्ट के एक-दूसरे का अभिवादन करें - शारीरिक दूरी का पालन करें - दोबारा उपयोग कर सकने वाला मास्क पहनें - आंख, नाक और मुंह को न छूएं - श्वसन संबधी सफाई का ध्यान रखें - हाथों को समय-समय पर अच्छे से साफ करें - तंबाकू, खैनी को खाने से बचें और सार्वजनिक स्थान पर न थूकें- बार-बार छूने वाली सतहों जैसे दरवाजे के हैंडल, कुंडी इत्यादि को साफ करते रहें
- जरूरत न पड़ने पर सफर न करें - संक्रमितों के साथ भेदभाव न करें - भीड़ भाड़ में जाने से बचें और दूसरों को भी रोकें - कोविड-19 के बारे में किसी भी अपुष्ट जानकारी को सोशल मीडिया पर शेयर न करें - कोविड-19 के बारे में पुष्ट सूत्रों से ही जानकारी लें। - कोविड-19 के बारे में अधिक जानकारी के लिये नेशनल हेल्पलाइन 1075 पर कॉल करें एसएन में एंटीबॉडीज की जाती है, यहां पर डेली लगभग 15 पेशेंट्स में एंटीबॉडीज की जांच हो रही है। इसमें अब लगभग 4 से 5 लोगों में एंटी बॉडी मिल रही है। पहले की अपेक्षा एंटीबॉडीज बनने का ग्राफ बढ़ा है। -डॉ। नीतू चौहान, ब्लड बैंक प्रभारी, एसएनएमसी लोगों में एंटीबॉडीज बनने से कोरोना की चेन टूट रही है। जिन लोगों में संक्रमित होने के चलते एंटीबॉडीज बनी होंगी और उन्हें पता नहीं चला होगा। ऐसे में वे लोग अब एंटीबॉडीज होने के चलते संक्रमित नहीं हो रहे हैं। -डॉ। अजीत सिंह चाहर, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसनएमसी एंटीबॉडीज बनने से अन्य लोग कोविड पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आने पर संक्रमित नहीं हो रहे हैं। ऐसे में वे दूसरों को भी संक्रमित नहीं कर रहे हैं। हो सकता है इसलिए कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कमी आ रही है। -डॉ। प्रभात अग्रवाल, प्रोफेसर, एसएनएमसी