ताज पर पर्यटक हो रहे बदसलूकी के शिकार
- ताज में टिकट चेकिंग स्टाफ नहीं समझ पाता विदेशी पर्यटकों की भाषा
- स्टाफ के खराब व्यवहार के चलते लग रहा संगमरमारी स्मारक पर दाग आगरा। एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) के अनप्रोफेशनल रवैये से ताज पर टूरिस्ट्स बैड इम्प्रेशन के शिकार हो रहे हैं। अनस्किल्ड होने के चलते स्टाफ विदेशी पर्यटकों की भाषा नहीं समझ पाता। इससे आए दिन देशी-विदेशी पर्यटकों से बहसबाजी की घटनाएं सामने आती हैं। इससे जहां ताज की छवि धूमिल हो रही है, वहीं पर्यटकों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। नहीं समझ पाते लैंग्वेजटिकट विंडो काउंटर्स और ताज में एंट्री के दौरान टिकट चेकिंग का काम एएसआई ने ठेके पर दे रखा है। टेंडर हासिल करने वाली एजेंसी द्वारा यहां स्टाफ की तैनाती की गई। ठेकेदार द्वारा तैनात कर्मचारी अनस्किल्ड हैं। इसके चलते अगर कोई गैर हिन्दी भाषी या विदेशी पर्यटक उनसे कम्युनिकेट करता है, तो वो नहीं समझ पाते।
कैसे मिले मदद टिकट काउंटर व स्मारक के एंट्री गेट पर चेकिंग के दौरान पर्यटक स्टाफ से मदद मांगते हैं, तो स्टाफ उनकी बात नहीं समझ पाता। इससे कई बार पर्यटकों का गुस्सा फूट पड़ता है। स्टाफ पर्यटकों से बदसलूकी कर देता है। एजेंसी बदली फिर भी नहीं रहा ध्यानऐसी समस्या ई टिकटिंग स्टाफ की नियुक्ति के साथ ही होने लगी थी। एजेंसी का टेंडर खत्म होने के बाद जब वापस टेंडर निकाला गया, तो एएसआई की ओर से इस पर फिर कोई ध्यान नहीं दिया गया.ैर नई एजेंसी के पास ठेका चला गया, लेकिन समस्या जस की तस बनी रही।