शनिवार को 87 हजार ली। से ज्यादा तेल किया था जब्त

दो लोगों के खिलाफ थाना सिकंदरा में डीएसओ ने दर्ज कराया है मुकदमा

आगरा। शहर में बड़े पैमाने पर नकली डीजल-पेट्रोल बनाने का खेल चल रहा है। इसका खुलासा बीती रात सिकंदरा क्षेत्र के मोहम्मदपुर में जिला आपूíत विभाग और बाट-माप की संयुक्त कार्रवाई में हुआ है। टीम को यहां जांच के दौरान 87 हजार से ज्यादा तेल मिला था। इसके अलावा 13 टैंकों में तेल भरा हुआ था। इसमें सात टैंक जमीन के नीचे बने थे, जबकि 6 टैंक ऊपर थे। 11 ड्रम भरे और 43 खाली बरामद किए गए थे। जिला आपूíत विभाग के अफसरों द्वारा जब संचालक से बिक्री के डॉक्यूमेंट या कोई अन्य परमिट दिखाने को कहा, तो वो नहीं दिखा सका। टीम को इस मामले में बहुत बड़े रैकेट के होने की संभावना है। इस मामले में दो लोग राजेश और पंकज के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम और आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।

अब पुलिस और आपूíत विभाग करेगा जांच

मुकदमा दर्ज होने के बाद अब जिला आपूíत अधिकारी उमेश मिश्रा और पुलिस जांच करेगी। इस बारे में जिला आपूíत अधिकारी उमेश चंद मिश्रा ने बताया कि यहां पर केमिकल मिलाकर नकली डीजल पेट्रोल तैयार किया जा रहा था। पूछताछ में पता लगा है कि गोदाम खंदारी स्थित फ्रेंड्स आशियाना कॉलोनी निवासी पंकज माहेश्वरी का बताया गया है। डीएसओ ने बताया कि डॉक्यूमेंट दिखाने के लिए हमने 24 घंटे का टाइम दिया था, लेकिन वे कोई कागजात नहीं दिखा सके। इसमें बड़े पैमाने पर केमिकल मिलाकर नकली डीजल-पेट्रोल तैयार किया जा रहा था। इस मामले पुलिस भी जांच करेगी। आगे की जांच में और भी पता लगेगा। कि कब से इस काम कर रहे है। और कितने लोगों की चेन इस नकली डीजल-पेट्रोल के कारोबार से जुडे़ हैं।

आसपास के जिलों में होती है सप्लाई

नकली डीजल-पेट्रोल की आसपास के जिलों में सप्लाई की जाती है। जिले के देहात क्षेत्र में इसको खपाया जाता है। इससे पहले भी सिकंदरा क्षेत्र में नकली डीजल-पेट्रोल बनाने का मामला पकड़ में आया था। इसमें 1100 ली। सॉल्वेट बरामद किया गया था। इसमें एडेसिव नामक पदार्थ को अन्य केमिकल मिलाकर इसको तैयार किया जाता था। बड़ा सवाल ये है कि जिम्मेदारों को इसकी जानकारी होते हुए भी न तो इसकी पड़ताल की गई, न ही इसकी जद तक पहुंचने का प्रयास किया गया। बता दें कि इससे पहले थाना एत्माददौला के हनुमान नगर और ताजगंज के नीति बाग में नकली मोबिल ऑयल की फैक्ट्री पकड़ी जा चुकी है। इसमें 27 लोंगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इनके पास पैकिंग मशीन भी बरामद की गई थी। नकली इंजन ऑयल को बनाने की लागत 150 रुपये आती है। इसके बाद इसको बड़ मुनाफे के साथ बाजार में उतार दिया जाता है। कानपुर से डिब्बा मंगवाकर ब्रांडेड कंपनी के स्टीकर और लेबल चिपकाकर इनको आसपास के जिलों में बेचा जाता था। अभी बीते गुरुवार को भी फाउंन्ड्री नगर में नकली मोबिल ऑयल की फैकट्री पकड़ी गई थी।

इस मामले में सिकंदरा में दो लोगों के खिलाफ मुकदमा पहले ही दर्ज कराया जा चुका है। अब इसमें पुलिस भी अपनी जांच करेगी। यहां बड़े पैमाने पर नकली डीजल-पेट्रोल तैयार कर बेचे जाने का काम किया जा रहा था। गोदाम संचालक के पास कोई वैध डॉक्यूमेंट नहीं मिले। अभी आगे की संयुक्त जांच में पता लगेगा।

उमेश चंद मिश्रा जिला पूíत अधिकारी आगरा

Posted By: Inextlive