शहर में चार बीघा जमीन को लेकर मामला चर्चा में हैं वहीं सोमवार को एक और मामला सामने आया इसमें एक सत्ताधारी नेता और उनके परिवार पर प्रॉपर्टी कब्जाने का आरोप लगाया गया है. इस संबंध में संजय प्लेस स्थित शंकर प्लाजा में एक प्रेस वार्ता की गई. शिकायत कर्ता ने खुद को पीडि़त बताते हुए पूर्व राज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं.


आगरा(ब्यूरो)। मधुसूदन मोटर्स में रविशंकर व रमाशंकर संस्थापक निदेशक हैं जिन्हें आजीवन निदेशक रहने का अधिकार है। इसी तरह मधुसूदन व्हीकल्स में दोनों भाइयों के बेटों रचित अग्रवाल व दीपेन्द्र शंकर संस्थापक निदेशक थे लेकिन पूर्व राज्यपाल और उनके बेटे के संरक्षण में छोटे भाई रमाशंकर व उनके बेटों रचित व अनुराग ने धक्के देकर शोरूम से बाहर कर दिया और दो व्यवसायिक संस्थानों पर कब्जा करवा दिया और हीरो मोटरसाइकिल की डीलरशिप पर षडय़ंत्र से प्लानिंग कर के पति व बेटे ने अपने नाम करवा ली।

थाने में नहीं की पीडि़त की सुनवाई
2020 से चल रहे इस षड़तंत्र के तहत रविशंकर व उनके बेटे दीपेन्द्र पर चार एफआईआर की गई। जब पीडि़त पक्ष ने साक्ष्यों के साथ क्रास एफआईआर कराने का प्रयास किया तो किसी थाने में सुनवाई नहीं की गई। आज कंपनी के मालिक न्याय के लिए भटक रहे हैं और सत्ताधारी नेता के परिवारीजन शोरूम के मालिक बने बैठे हैं।

कोर्ट से एफआईआर पर लगा दी एफआर
पीडि़त पक्ष ने कोर्ट के जरिए से कई एफआईआर करवाई, लेकिन सत्ता के प्रभाव में सभी चंद माह में एफआर लगा दी जाती है। तब से पीडि़त पक्ष न्याय के लिए भटक रहा है लेकिन पुलिस दबे शब्दों में उनसे किसी तरह का सहयोग न करने की बात कहकर लौटा देती है।

सीएम से पीडि़त पक्ष ने की मुलाकात
पीडि़त पक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले, जहां उन्हें जांच कराकर न्याय का आश्वासन दिया गया। लेकिन अब अलग-अलग जरिए से पीडि़त पक्ष को धमकाया जा रहा है। रविशंकर ने सोमवार को संजय प्लेस स्थित अपने कार्यालय पर प्रेस वार्ता आयोजित कर कहा कि उन्हें अपने, बेटे सहित पूरे परिवार की जान का खतरा है, उन्हें एक व्यापारी से क्रिमिनल बना दिया गया।

Posted By: Inextlive