VRINDAVAN (8 May): यमुना की स्वच्छता के लिए केंद्र सरकार द्वारा तैयार की गई योजना के बाद अब केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने गेंद प्रदेश सरकार के पाले में डाल दी है। रविवार को वृंदावन में उन्होंने कहा कि मथुरा-वृंदावन में यमुना स्वच्छता के लिए तीन महीने पहले तैयार हुए प्रोजेक्ट को प्रदेश सरकार की एनओसी(अनापत्ति प्रमाण-पत्र) का इंतजार है। पिछले सात दिन से केंद्र के अधिकारी मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय मांग रहे हैं, मगर समय नहीं मिल पा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने वृंदावन की पवित्र धरती से एकबार फिर अखिलेश यादव से जल्दी एनओसी जारी करने की अपील की, ताकि योजना को मूर्त रूप दिया जा सके।

एसटीपी की सुधारी जाएगी हालत

रविवार को वृंदावन आई केंद्रीय मंत्री उमा भारती स्थानीय कात्यायनी मंदिर परिसर में पत्रकारों से बात कर रही थीं। कहा कि गंगा-यमुना के लिए तैयार की गई नमामि गंगे परियोजना मोदी सरकार की यह पहली योजना है, जिसमें बीस हजार करोड़ रुपये का पहला ब्रेकअप है। योजना के तहत सबसे पहले पुराने खराब पड़े एसटीपी का पुन: निर्माण और जरूरत के मुताबिक एसटीपी निर्माण कराना है। जगह-जगह नए घाट बनाए जाएंगे, पुराने घाटों की मरम्मत कराई जाएगी। साथ ही ट्रैश स्कीमर के जरिए यमुना में सॉलिड वेस्ट को रोका जाएगा, यह स्कीमर यमुना के अंदर की गंदगी को कलेक्ट कर किनारे पर डंप करेगी। इस योजना के लिए तीन महीने पहले फैसला हुआ था। केंद्र सरकार ने कैबिनेट में प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव आलोक रंजन हाई टास्क टीम के सदस्य हैं। इसके अध्यक्ष भारत सरकार के कैबिनेट सचिव हैं। दिल्ली में ही इन अफसरों की मौजूदगी में प्रोजेक्ट को लेकर सारी बातें हुईं।

प्रदेश से नहीं चाहिए पैसा

मंत्री ने कहा कि विभाग के सचिव करीब दो महीने पहले लखनऊ गए थे, मुख्य सचिव के साथ बैठक में फिर इस प्रोजेक्ट पर बात हुई। मुख्य सचिव से कहा था कि हमें प्रदेश सरकार से पैसा नहीं चाहिये। पूरा पैसा केंद्र सरकार खर्च कर रही है, मगर एनओसी प्रदेश सरकार से चाहिए, ताकि लोकल प्रशासन मदद कर सके। एनओसी मिलने के साथ ही अक्टूबर 2016 में कार्ययोजना शुरू होगी और अक्टूबर 2017 तक पूरी हो जाएगी, इसके बाद यमुना में स्वच्छ जल प्रवाहित मिलने लगेगा। केंद्रीय मंत्री का कहना था कि ये देश का पहला प्रोजेक्ट है। जो ट्रीटेड जल होगा, यमुना में नहीं जाएगा, ये जल रिफाइनरी अथवा जरूरतमंद किसानों को दिया जायेगा। यमुना में पानी सिर्फ यमुना का ही होगा। केंद्रीय मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि यमुना के स्वच्छता के लिए जो स्कीम बनी है, वह पूरी तरह केंद्र सरकार के अधीन है। अभी तक प्रदेश और केंद्र सरकार मिलकर प्रोजेक्ट तैयार करते थे, मगर सफलता नहीं मिलती। पिछले दिनों में गंगा-यमुना शुद्धीकरण पर तीन हजार करोड़ रुपये खर्च हुए, मगर लाभ नहीं मिला। अब पैसा केंद्र सरकार ही दे रही है और प्रोजेक्ट को मूर्त रूप भी केंद्र ही देगा, यमुना क स्वच्छता के लिए शुरू होने जा रही योजना की मॉनीट¨रग केंद्र सरकार करेगी। इसलिए इसकी सफलता पर प्रश्नचिह्न नहीं लगाए जा सकते।

500 शवदाह गृह व घाट बनेंगे

मंत्री ने बताया कि कार्य योजना के तहत मथुरा-वृंदावन में यमुना किनारे करीब पांच सौ शवदाह गृह बनाए जाने की योजना है। इसके अलावा हजारों घाट भी बनाए जाएंगे।

उमा भारती ने कहा यमुना की स्वच्छता के लिए रमेश बाबा समेत ब्रज के जिन संतों ने आंदोलन किया, दिल्ली तक पदयात्रा की उनकी साधना को असफल नहीं होने दिया जाएगा, उन्होंने कहा कि ब्रज के सभी संत प्रदेश सरकार से एनओसी की मांग करें, ताकि यह प्रोजेक्ट जल्दी ही मथुरा-वृंदावन में शुरू हो सके।

Posted By: Inextlive