AGRA: इसे इत्तफाक कहे या सोची समझी साजिश कि एक पल जीने मरने की कसमें खाने वाले दो दिल चंद नापाक इरादों वाले लोगों के बहकावे में आकर अपना बना-बनाया घर-संसार ही उजाड़ देते हैं. संडे को परिवार परामर्श केंद्र में एक ऐसा ही मामला सामने आया. जिसमें घर के लोगों ने ही उसकी हंसती-खेलती जिंदगी में आग लगा दी. इतने पर भी जब इन शैतानों का मन नहीं भरा तो उसे बेटे से ही पिटवाना शुरू कर दिया. पति ने तो इस कदर पीटा कि उसके कान का पर्दा ही फट गया. साथ ही घर से भी निकाल दिया. दर-दर की ठोकर खाने के बाद बच्चों की खातिर फिर से ढर्रे पर जिंदगी को लाने की आस में एक पीडि़ता परिवार परामर्श केंद्र पहुंची.


निकाला घर से परमीत की शादी 1999 में भिलवाड़ा, राजस्थान निवासी अमरजीत सिंह छाबड़ा के साथ हुई थी। अमरजीत की वहां पर साइकिल की एजेंसी है। परमीत के पास तीन बच्चे हैं जिसमें दो बेटियां और एक बेटा है। संडे को परिवार परामर्श केंद्र पहुंची परमीत ने बताया कि अगस्त 2011 में पति ने उसके साथ इस कदर मारपीट की थी कि उनके कान का पर्दा फट गया था। पति के साथ-साथ क्लास टेंथ में पढऩे वाला बेटा भी उसके साथ मारपीट करता है। ननद ने बिगाड़ा घर
परिवार परामर्श केंद्र पर काउंसलर को परमीत ने बताया कि उसकी ननद भूपेंद्र कौर एक बैंक में जॉब करती हैं। उनकी वजह से उसका घर टूटने की कगार पर पहुंच गया है। पति और उसके बीच दरार डालने के पीछे वह ननद को जिम्मेदार बताती है। अभी तक परमीत के पति को तीन बार डेट पर बुलवाया जा चुका है, लेकिन अभी तक वह एक बार भी परिवार परामर्श केंद्र नहीं पहुंचा है। नेम चेंज्ड

Posted By: Inextlive