..क्योंकि अवेयरनेस बेहद जरूरी है
शाहगंज निवासी शबाना के पति की मौत एचआईवी से एक साल पहले हो गई थी। उसके पास दो बेटी और एक तीन साल का बेटा है। पति की मौत के बाद शबाना को पता चला कि उसको और उसके तीन साल के बेटे को भी एचआईवी पॉजिटिव है। इस बीमारी के पता लगने के बाद शबाना की ससुराल वालों ने उसका जीना मुश्किल कर दिया है। दो जून की रोटी ही नहीं, पानी की एक-एक बूंद के लिए भी उसे तरसाया जाने लगा। घर में नल होते हुए भी उसे आधा किलोमीटर म्यूनिसिपलिटी के नल से पानी लाने को मजबूर हो गई। घर में किसी भी चीज को हाथ लगाने पर उसके साथ मारपीट की जाती है। एक साल से उसका केस फैमिली काउंसलर्स के पास पेंडिंग है। अपनों और आसपास के लोगों के दिए दर्द को कम करने का काम अब पॉजिटिव पीपुल वेलफेयर सोसाइटी के लोग कर रहे हैं। निकाला घर से
धौलपुर निवासी गरिमा को अपने पति महेश से एचआईवी हो गया था। साल भर पहले ही उसके पति की मौत हो गई। गरिमा के चार साल के बेटे को भी एचआईवी पॉजिटिव है। पति की मौत के बाद गरिमा को ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया। गरिमा तब से फतेहाबाद में अपने पिता के साथ रह रही है। अपने और अपने बेटे के हक के लिए लड़ रही है। एनजीओ के जरिए वो खुद को मजबूत बनाकर जिंदगी जीने की कोशिश कर रही है।
एक स्टडी के मुताबिक लोगों में एचआईवी इंफेक्शन सिर्फ अनसेफ रिलेशन से ही नहीं फैल रहा है। ड्रग्स की खुमारी में डूबे यूथ्स को भी यह अपनी गिरफ्त में ले रहा है। ड्रग्स लेने के लिए सिरिंज का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके जरिए भी एचआईवी उनके ग्रुप में फैल रहा है। एक ही ब्लेड से कई शेविंग बनाने वाले सैलून भी लोगों में एचआईवी का वायरस पहुंचा रहे हैं। ऐसे नहीं फैलताएक सर्वे में यह भी सामने आया कि किस कदर सोसाइटी में एचआईवी और एड्स को लेकर गलतफहमियां कायम हैं। सर्वे के मुताबिक तमाम लोग यह मानते हैं कि यह मच्छरों के काटने से फैलता है। वहीं कई इलाकों में एड्स पेशेंट्स के साथ खाना खाने से इसे फैलने का डर समाया हुआ था।