आइआरसीटीसी ने सुपरवाइजर शिवनाथ को सौंपी जांच उच्चाधिकारियों को भेजी गई रिपोर्ट प्रयागराज जंक्शन के फूड स्टाल पर अलग- अलग दामों पर थाली बेचने का मामला प्रयागराज रेलवे जंक्शन के फूड स्टाल पर खाने की थाली के रेट में मनमानी का मामला तूल पकड़ चुका है. आइआरसीटीसी ने मामले की जांच रेलवे के खानपान मुख्य सुपरवाइजर शिवनाथ वर्मा को सौंपी है. 48 घंटे के भीतर में उनसे जांच रिपोर्ट मांगी गई है. सुपरवाइजर की माने तो रिपोर्ट तैयार कर ऊपर भेज दिया गया है. बता दें दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सोशल मीडिया पर हुई शिकायत के आधार पर रू/ह्य सोपन रेस्टोरेंट स्टैंडर्ड नॉन वेज मील्स फूड स्टाल चेक किया था. जिसमें पता चला कि खाने की एक ही थाली में सब्जी के नाम पर हेरफेर कर अलग-अलग रेट पर बेचा जा रहा था. जबकि रेलवे नियम अनुसार जो रेट लिस्ट आइआरसीटीसी तहत तय होता है. उसी हिसाब से बेचना होता है.

प्रयागराज (ब्यूरो)। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने इस मामले को रविवार को प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिस पर आइआरसीटीसी और रेलवे हरकत में आ गए हैं। हालांकि इस मामले में रिपोर्टर ने संबंधित जांच अधिकारी से बात करनी चाही तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। वहीं सुपरवाइजर शिवनाथ वर्मा कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। अगर मामले की निष्पक्ष जांच नही हुई तो यात्रियों को खाने की थाली का भविष्य में मनमानी रेट देना पड़ सकता है। सूत्रों की माने तो सब्जी का बदलाव का एक्सक्यूज देकर बचाने की कवायद शुरु हो गई है। बता दें आइआरसीटीसी
के नियम अनुसार 70 की वेज थाली बैठाकर खिलाने का नियम है। 80 रुपये में वेज थाली पैकिंग और 90 रुपये में नॉन वेज यानी कि अंडा करी का है। जबकि इस स्टॉल पर वेज नॉन वेज थाली के रेट पर बेचा जा रहा था।

सफाई देते नहीं बन रहा
खाने की थाली पर आइआरसीटीसी का रेट लिस्ट स्लीप नहीं लगे होने पर स्टॉल के स्टाफ व मालिक को सफाई देते नहीं बन रहा है। सवाल अब यह उठता है कि अगर सब कुछ ओके चल रहा था तो रेट लिस्ट क्यों नहीं लगाया जा रहा था। स्टेशन के जानकारों की माने तो स्टॉल मैनेजर और जांचकर्ता एक ही जिले के रहने वाले हैं। जिसका असर जांच पर नहीं पड़ सकता।

मैं इस प्रकरण में कुछ नहीं बोल सकता हूं!
इस प्रकरण के संबंध में जब दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने जांच कर रहे सुपरवाइजर शिवनाथ से बातचीत की। उनका कहना था जांच मिली है। जांच रिपोर्ट तैयार कर ऊपर भेज दिया गया है। बाकि रिपोर्ट में क्या लिखा गया है। इसको मुख्य पर्यवेक्षक अधिकारी विवेक प्रताप सिंह बता बताएंगे। जब इस बाबत मुख्य पर्यवेक्षक अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कोई जानकारी न होने की बात कही। उनका कहना था कि ऊपर के अधिकारी ही इस बाबत बता पाएंगे।

Posted By: Inextlive