करीब महीने भर की भागमभाग और व्यस्तता के बाद वेडनसडे को नगर निकाय चुनाव संपन्न हो गया. इसमें सबसे ज्यादा राहत इलेक्शन में किस्मत आजमा रहे कैंडिडेट्स ने महसूस किया. लम्बे समय बाद जैसे ही महिला कैंडिडेट्स को मौका मिला ज्यादातर ने अपने फैमिली मेंबर्स के साथ पूरा दिन व्यतीत किया. हालांकि कुछ अपने वर्क को लेकर सिटी में बाहर निकल पड़ीं. मेयर की एक कैंडिडेट ने इलेक्शन से पहले ही वल्र्ड टूर का प्रोग्राम बना रखा था. जैसे ही इलेक्शन खत्म खत्म हुआ रिलैक्स होने के लिए वो टूर पर निकल पड़ीं.


 

पति के लिए बनाया फलाहार

15 दिन तक जबरदस्त चुनाव प्रचार करने के बाद थर्सडे को काफी हल्का महसूस हुआ। प्रचार के दिनों में भले ही मॉर्निंग में जल्दी उठने की हड़बड़ाहट रही लेकिन थर्सडे को ऐसा नहीं था। आराम से उठकर सबसे पहले घरेलू काम निपटाए। हम बात कर रहे हैं बसपा समर्थित मेयर कैंडिडेट और पूर्व मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की वाइफ अभिलाषा गुप्ता की। उनके चेहरे से ही लग रहा था कि मतदान के बाद वह कितनी रिलैक्स हो गई हैं। उन्होंने अपने बच्चों के साथ काफी वक्त बिताया। इतना ही नहीं थर्सडे को पति का व्रत होने पर उन्होंने खुद अपने हाथों से उनके फलाहार के रूप में साबूदाना के पकवान बनाए। अभिलाषा ने बताया कि काफी दिनों बाद उन्होंने खुद किचन संभाला है। आज वह फैमिली के पसंद की डिशेज बनाएंगी और दिनभर आराम करेंगी। ये बात और है कि सुबह से ही कार्यकर्ताओं का तांता घर पर लगा रहा। बावजूद इसके अभिलाषा उनसे दूर रहीं और खुद नंदी ने उन्हें हैंडिल किया। समय निकालकर उन्होंने अपने बच्चों को खुद तैयार किया। उन्होंने बताया कि पूरे दिन वह आराम करेंगी और शाम को खुद कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगी।


नाती को प्यार करने का समय जो मिला

मेयर पद की निर्दलीय कैंडिडेट रहीं शैलतनया श्रीवास्तव थर्सडे को अलग ही मूड में नजर आईं। एक तेज तर्रार नेत्री से अलग वह एक घरेलू महिला के रूप में हमसे मिलीं। जब हम उनके घर पहुंचे तो वह अपने परिवार के साथ वक्त बिता रही थीं। उनकी गोद में उनका नाती अरणव खेल रहा था और वह उसे दुलार कर रही थीं। उन्होंने कहा कि लंबे चुनावी प्रचार के दौरान उन्हें समय ही नहीं मिला कि वह अपने परिवार को वक्त दे सकें। यही रीजन था कि घर की सभी वस्तुएं अस्त-व्यस्त हो गई थीं। थर्सडे केा समय मिला तो सबसे पहले उन्होंने अपने घर को संवारा और उसके बाद सभी फैमिली मेंबर्स का हालचाल लिया। इसके बाद उन्होंने न्यूज पेपर देखे और अपने घर के लॉन में पड़े झूले पर काफी वक्त बिताया। पूजा पाठ करने के बाद उन्होंने अपनी टीम के मेंबर्स के साथ वक्त बिताया। ये वे मेंबर थे जिन्होंने प्रचार के दौरान शहर की हर एक गली का कोना छान मारा था। शैलतनया कहती हैं कि मेरे लिए मेरे पति और परिवार पहले है। यही रीजन था कि प्रचार के दौरान वे अपनी फैमिली को काफी मिस कर रही थीं.

बेटी और हसबैंड के साथ गुजारे दिन

मेयर पद की कांग्रेस पार्टी से टिकट को लेकर मची घमासान के बाद श्री वधावन की कुछ दिनों के लिए मानो लाइफ स्टाइल ही बदल गई। टिकट मिलने के बाद से उन्हें लगातार फैमिली और अपनों से दूर होना पड़ा। सामने एक से बढ़कर एक कद्दावर कैंडिडेट्स खड़े थे। ऐसे में दिन-रात मेहनत करना लाजिमी था। आमल यह रहा कि श्री वधावन को मॉर्निंग से लेकर देर रात तक पब्लिक के बीच रहना पड़ा और जगह-जगह जाकर लोगों से जनसम्पर्क करती रहीं। वेडनसडे को इलेक्शन खत्म होने के बाद थर्सडे को वह पूरे रिलैक्स मूड में घर में नजर आईं। सुबह उठते ही उन्होंने सबसे पहले अपनी बेटी का और फिर बाद में पति रवि भूषण वधावन का हालचाल लिया। उनके साथ बैठकर चाय पी और घर-परिवार की बातें कीं। इस वक्त कैसा फील कर रही हैं के जवाब में कहा कि फैमिली के बीच आकर सारी थकान दूर हो गई। इलेक्शन के चलते वह काफी समय से अपने फैमिली मेंबर्स के बीच समय नहीं बिता पा रही थी। इलेक्शन के बाद मौका मिलते ही वह पूरे दिन अपने फैमिली मेंबर्स बातें करती रहीं।


और जुट गईं रोजमर्रा के कामों के

अंजू दूबे शहर की सपा पार्टी के नेता विनोद चन्द्र दूबे की पत्नी हैं। वह भी मेयर प्रत्याशी के रूप में अपनी किस्मत आजमा रही हैं। इससे पहले किसी भी इलेक्शन का उनका कोई खास अनुभव नहीं रहा है। बावजूद इस इलेक्शन में उन्होंने दिन-रात एक कर दिया। रोजाना जल्दी सुबह उठकर घर से बाहर निकल जाना और फिर घर वापसी का कोई निर्धारित समय न होना। पिछले कुछ दिनों से उनका कुछ ऐसा ही रूटीन सा बना गया था। इस भागा दौड़ी में उन्हें थोड़ा भी वक्त अपने और फैमली के लिए नहीं मिला। वहीं थर्सडे को वह एक अलग और पहले जैसे मूड में फैमली मेंबर्स के बीच दिखीं। उन्होंने सुबह उठते ही सबसे पहले अपने कुछ रिलेटिव और फैमली मेंबर्स के चाय की चुस्की ली और उनसे काफी देर तक बातचीत करती रहीं। इसके बाद वह अपने घर के कामों में रोज की तरह जुट गईं.


चलो अब घूम आएं विदेश

डॉ। विदुला दिलीप शहर की समाज सेविका के साथ फिटनेस ट्रेनर व योग टीचर हैं। मेयर पद के लिए उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना पर्चा भरा था। इलेक्शन में डॉ। विुदला दिलीप ने जी तोड़ मेहनत की। एक बोल्ड और तेजतर्रार महिला होने की वजह से शहरवासियों ने इन्हें बेहद पसंद किया। इलेक्शन के दौरान उन्हें अपने प्रोफेशन और अपने लोगों से दूर रहना पड़ा। न दिन का पता और न रात का बस पूरे दिन लोगों से जनसम्पर्क करती रहीं। फैमिली मेंबर्स ने बताया कि उन्होंने इलेक्शन से पहले ही फॉरेन ट्रिप की प्लानिंग कर रखी थी। बस इंतजार था इलेक्शन खत्म होने का। इलेक्शन खत्म होते ही वह अपनी फैमिली के साथ फॉरेन घूमने निकल पड़ीं.

Posted By: Inextlive