लक्षण छिपाने वाली दवाओं की खुली बिक्री पर रोक
-कोरोना के संक्रमण पर लगाम लगाने की प्रशासन की पहल
-एक दर्जन दवाओं की बिक्री बिना डॉक्टरी पर्चे नहीं करने के आदेश -नोट करनी होगी डिटेल, मेडिकल स्टोर्स पर होगी कार्रवाई PRAYAGRAJ: कोरोना के लक्षणों को दबाने के लिए लोग क्या-क्या नही करते हैं। कोई काढ़ा पी रहा है तो कोई धड़ल्ले से दवाओं का सेवन कर रहा है। इससे लक्षण तो छिप जाते हैं लेकिन बाकी कई लोग संक्रमित होते हैं। इसी पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन ने अब ऐसी दवाओं को चिन्हित कर उनकी खुली बिक्री पर रोक लगा दी है। अब यह दवाएं सीधे काउंटर से नहीं बेची जा सकती हैं। ऐसा करते पाए जाने पर मेडिकल स्टोर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इन दवाओं की खुली बिक्री पर रोक पैरासिटामॉल डेरीफाइलीन कफ संबंधी सिरप एजिथ्रोमाइसीन डाक्सी विटामिन सी विटामिन डी जिंक हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन पहले दिखाना होगा डॉक्टर का पर्चा-इन दवाओं को खरीदने से पहले डॉक्टर का पर्चा दिखाना होगा।
-मेडिकल स्टोर संचालक बिक्री का पूरा रिकॉर्ड मेंटेन करेंगे। -दवाओं का स्टॉक और बिक्री का रिकॉर्ड भी रखना होगा। -जिनको यह दवा बेची जाएगी उनका मोबाइल नंबर और पूरा पता भी अपने पास रखना होगा।-रोजाना यह रिकॉर्ड संबंधित क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र पर शेयर करने के साथ दवा इंस्पेक्टर को भी भेजा जाएगा।
-इससे संबंधित मरीजों को ट्रेस कर उसका स्टेटस पता करने में आसानी होगी। कई गुना बढ़ गई है बिक्री अधिकारियों का कहना है कि कोरोना काल में इन दवाओं की बिक्री कई गुना बढ़ गई है। यह दवाएं संक्रमण को रोकने और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के काम आती हैं। आजकल लोग इनका धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं। खासकर जिन लोगों में कोरोना से मिलते लक्षण आते हैं वह पहले इन दवाओं का यूज करना शुरू कर देते हैं। इसके फायदे हैं तो नुकसान भी हैं। कुछ लोगों को फायदा होता है तो कुछ लोग अधिक सीरियस हो जाते हैं। इतना ही नही, सही इलाज नही भी नहीं मिल पाता। इस बीच बाकी लोग भी संक्रमित होने लगते हैं। पूर्व में भी उठा चुके हैं कदमसंक्रमण को रोकने में लगा स्वास्थ्य विभाग पहले भी ऐसा ही कदम उठा चुका है। पूर्व में सर्दी, जुकाम और बुखार की दवाओं की बिक्री के साथ ग्राहकों के डिटेल और लक्षण नोट करने के आदेश दिए गए थे। कुछ दिन इसका पालन हुआ लेकिन बाद में मेडिकल स्टोर संचालक मनमानी पर उतर आए। उन्होंने जानकारी उपलब्ध करानी बंद कर दी। इसका नतीजा हुआ कि संक्रमण की रफ्तार बढ़ गई। यही कारण है कि इस बार नियम का उल्लंघन किए जाने पर संबंधित मेडिकल स्टोर के खिलाफ एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897, उप्र महामारी कोविड 10 नियमावली 2020 एवं भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई की चेतावनी जारी की है।
नियमों को कठोरता से लागू किया जा रहा है। संक्रमण की दर को रोकने के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। अगर कोई नियमों का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -भानुचंद्र गोस्वामी, डीएम