आपराधिक मामले की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुलिस पर किया कमेंटआदेश 20 तक हर हाल में लड़की बरामद कर आरोपियों को गिरफ्तार करें

एक आरोपी गिरफ्तार हुआ है। तीन चार दिन में लड़की भी बरामद कर ली जायेगी। 12 गैरजमानती वारण्ट का अभी तामीला होना बाकी है। यह जवाब था सोमवार को हाई कोर्ट में पेश हुए एसओ धूमनगंज का। कोर्ट ने आरोपियों का नाम पूछ लिया जिनके खिलाफ एनबीडब्लू है। इस पर उन्हें सांप सूंघ गया। इसे कोर्ट ने बेहद गंभीरता से लिया और कहा आरोपियों के नाम नहीं जानते तो उन्हें गिरफ्तार क्या करेंगे। कोर्ट ने टिप्पणी की, सरकार भी मजबूर है कि निकम्मे पुलिस अधिकारियों को कहां ले जाय। ऐसे लोग बर्खास्त हो या रिटायर किये जाएं। सीन था एक नाबालिग की बरामदगी सुनिश्चित न करने पर एसपी सिटी, एसओ धूमनगंज और खुल्दाबाद की पेशी के समय का। कोर्ट ने तीनो को कड़ी फटकार लगायी और 20 नवम्बर तक हर हाल में लड़की को पेश करने तथा सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना देने का निर्देश दिय। कोर्ट ने सख्त लहजे में चेताया कि 20 नवम्बर तक पुलिस लड़की को पेश करने में नाकाम रहती है तो कोर्ट डीजीपी को तलब कर पुलिस के खिलाफ कार्यवाही करने व स्वयं की निगरानी में लड़की की बरामदगी सहित आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करायेंगे। कोर्ट ने अगली तिथि को तीन पुलिस अधिकारियों सहित एसएसपी इलाहाबाद को तलब किया है।

 

धूमनगंज थाने का मामला

यह आदेश जस्टिस विपिन सिन्हा तथा जेजे मुनीर की खण्डपीठ ने धूमनगंज निवासी वसीम फातिमा की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि वकील को धमकाना आपराधिक अवमानना है। कोर्ट ने पूछ लिया कि दोनों थानों में अपराध ज्यादा क्यों हैं? अनिल तिवारी ने कोर्ट को बताया कि धूमनगंज एसएचओ तहरीर बदलने का दबाव डालते हैं। प्राथमिकी दर्ज करने गये वकील के सामने दारोगा, आरोपी से फोन पर बात करते हैं। कोर्ट ने कहा कि निर्देशों का पालन करें नहीं तो दोनों थानों के पुलिस प्रभारियों की आय की जांच करायी जायेगी। कोर्ट ने एसएसपी से कहा कि लापरवाह पुलिस पर कार्यवाही करें।

Posted By: Inextlive