-एसआरएन हॉस्पिटल में प्लाज्मा थेरेपी की हुई शुरुआत, मरीज को दिया गया प्लाज्मा

-बढ़ते केसेज और मौतों के बीच हुई राहत देने वाली पहल

PRAYAGRAJ: पिछले कुछ दिनों से कोरोना के बढ़ते मरीजों और मौतों की खबर के बीच शुक्रवार को एक राहत भरी खबर मिली। एमएलएन मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत हो गई है। इसके बाद शुक्रवार को एसआरएन हॉस्पिटल के कोविड आईसीयू वार्ड में एक मरीज को प्लाज्मा चढ़ाया गया। डॉक्टर्स का कहना है कि इस थेरेपी के शुरू हो जाने से मरीजों को निश्चित तौर पर लाभ पहुंचेगा। हालांकि अभी तक शहर में प्लाज्मा डोनेट करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है जो चिंता का विषय है।

लगातार हो रही थी मांग

देश के तमाम कोविड हॉस्पिटल्स में प्लाज्मा थेरेपी के रिजल्ट ठीक-ठाक रहे हैं। इससे कई गंभीर मरीजों के हालात सुधार देखा गया है। ऐसे में यूपी में सरकार द्वारा हाल ही में एमएलएन मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थेरेपी को हरी झंडी दी गई थी। इसके बाद शुक्रवार को कोविड आईसीयू की टीम ने प्रिंसिपल प्रो। एसपी सिंह की देखरेख में मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी।

पहले परिजनों से ली गई सहमति

-डॉक्टर्स का कहना है कि प्लाज्मा थेरेपी देना इतना आसान नहीं है।

-सबसे पहले प्लाज्मा और मरीज का ब्लड ग्रुप मैच कराया जाता है।

-इसके बाद परिजनों से सहमति ली जाती है। तब मरीज को यह थेरेपी दी जाती है।

-इसमें कोरोना से निजात पा चुके व्यक्ति के शरीर से निकले ब्लड में से प्लाज्मा निकालकर उसे मरीज के शरीर में चढ़ाया जाता है।

-इससे प्लाज्मा में मौजूद एंटी बॉडी मरीज के शरीर में कोरोना वायरस के प्रभाव को खत्म करती है।

-इससे मरीज की रिकवरी के चांसेज बढ़ जाते हैं।

महज दो यूनिट ही मिला

बता दें कि जिले में अब तक 14 हजार मरीज कोरोना से ठीक हो चुके हैं और इसमें से 80 फीसदी ऐसे हैं जो प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं लेकिन अभी तक महज दो यूनिट ही लोगों ने एसआरएन ब्लड बैंक में ब्लड डोनेशन किया है। यह दोनों कॉलेज के ही जूनियर डॉक्टर्स हैं जो पहले कोरोना पाजिटिव हो गए थे। अगर डोनेशन के यही हालात रहे तो भर्ती मरीजों की को यह थेरेपी देना मुश्किल हो सकता है। जबकि ब्लड बैंक में ब्लड सेपरेशन की मशीन लगी है और मरीज व डोनर को निशुल्क सेवा दी जाती है।

बहुत अच्छे और बहुत सीरियस मरीज को यह थेरेपी देने का कोई लाभ नहीं है। यह थेरेपी ऐसे मरीज को दी जाती है जिसमें रिकवरी की संभावना होती है। इसकी शुरुआत हमने कर दी है। उम्मीद है भविष्य में कई मरीजों को इस थेरेपी से स्वस्थ किया जा सकेगा।

-प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज

Posted By: Inextlive