सरस्वती नदी की खोज के लिए वैज्ञानिकों ने अलाहाबाद में शुरू किया एरियल सर्वे
सरायअकिल से हुई है शुरुआत
सर्वे की शुरुआत बुधवार को कौशांबी के सरायअकिल से हुई है। जलसंसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय की ओर से दोआबा क्षेत्र और संगमनगरी में नदियों के सर्वे की जिम्मेदारी राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान को दी गई है। राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ। सुभाष चंद्रा के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम ने मैपिंग का कार्य शुरू कर दिया है। डेनमार्क की मदद से तैयार हेलीबॉर्न इलेक्ट्रोमैग्नेटिकसिस्टम के जरिए 30 मीटर की ऊंचाई से जमीन के नीचे पांच सौ मीटर तक सूक्ष्म डेटा इकट्ठा किया जाएगा। बताया गया कि मौसम साफ और बेहतर रहा तो डेटा कलेक्शन काम तेजी से पूरा किया जाएगा। फैक्ट फाइल-डेनमार्क से भू-वैज्ञानिक रस्सुम, इंजीनियर जॉन वी और जॉन भी मदद के लिए आए हैं।-सरायअकिल से शुरू कर संगम में समाप्त किया जाएगा। इसके बाद डेटा को रक्षा मंत्रालय में पेश किया जाएगा।-सर्वे के दौरान 60-65 किमी। की रफ्तार से उपकरण डेटा लेगा।
-यह सर्वे कुल 1200 स्क्वॉयर किमी का होना है।- सर्वे के लिए फ्लाइट लाइन बनाया गया है।- एक फ्लाइट लाइन से 500 मीटर का क्षेत्रफल कवर होगा।