बैंक अधिकारी ने पब्लिक के सवा चार करोड़ उठा दिए ब्याज पर
-बैंक ऑफ इंडिया की शाखा सुलेमसराय के चेस्ट अधिकारी सहित तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
-आंतरिक लेखा परीक्षक रिपोर्ट से खुला चौंकाने वाला मामला, मचा हड़कंपऐसे दिया घपले को अंजाम -करेंसी चेस्ट में मौजूद पैसों की हमेशा जांच नहीं होती. -इसी का लाभ उठा कई साल में किश्तों निकाला गया पैसा। -पैसे को दोस्त के जरिए बिजनेस और कंपनियों में लगा दिया. -अधिकारियों को शक हुआ तो उन्होंने मामले की जांच कराई. -चेस्ट अधिकारी ने पहले दूसरे बैंक में पैसा ट्रांसफर करने की बात कही. -बाद में लिखित बयान देना पड़ा तो मामला खुल गया।allahabad@inext.co.in
PRAYAGRAJ: बैंक ऑफ इंडिया की शाखा सुलेमसराय में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शातिर बैंक अफसर ने करेंसी चेस्ट से सवा चार करोड़ रुपए निकालकर अपने दोस्त के जरिए ब्याज पर उठा दिया। आतंरिक लेखा परीक्षक रिपोर्ट में करोड़ों रुपए के इस खेल का मामला उजागर हुआ। जानकारी हुई तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया। बैंक प्रबंधन ने मामले की जांच कराई तो करेंसी चेस्ट अधिकारी का कारनामा बेनकाब हो गया। अधिकारियों की पूछताछ में उसने यह गड़बड़झाला स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि यह रकम एक व्यापारी मित्र को देकर ब्याज पर उठा दी है। बैंक मैनेजर की तहरीर पर धूमनगंज पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज लिया है।
अधिकारियों ने उसके इस दावे की जांच कराई तो उसकी बात गलत साबित हुई। इस पर बैंक के अधिकारियों ने उनका लिखित बयान लिया। लिखित बयान में उसने कबूल किया कि इस पैसे को वह अपने व्यापारी दोस्त एसके मिश्र और उनके बेटे संजू मिश्र को दिया है। इन दोनों ने इसमें से कुछ पैसे को ब्याज पर उठाया है। बाकी का पैसा दोनों ने कई कंपनियों में लगा दिया है। शाखा प्रबंधक की तहरीर पर धूमनगंज पुलिस ने आरोपित चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार उसके व्यापारी दोस्त एसके मिश्र और संजू मिश्र के विरुद्ध धारा 406, 467, 468, 419, 420, 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब पुलिस मामले में बैंक अधिकारियों व आरोपितों से भी पूछताछ करेगी।
वर्जनशाखा प्रबंधक ने तहरीर संग ऑडिट रिपोर्ट भी फाइल की है। पैसों को किश्तों में कई साल में चोरी किया गया है। करेंसी चेस्ट में मौजूद पैसों की जांच हमेशा नहीं होती। शक होने पर ही बैंक अधिकारियों द्वारा ऑडिट कराई जाती है। इसी का लाभ उठा कर अधिकारी ने खुद पैसे निकालकर दोस्तों के जरिए बिजनेस में लगवा दिया। बैंक अफसरों से पूछताछ की जाएगी। इसके बाद आरोपित गिरफ्तार किए जाएंगे। -बृज नारायण सिंह, सीओ सिविल लाइंस