Allahabad: एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचे सीएम ने हादसे में घायल पार्वती से पूछा घटना के समय रेलवे की ओर से क्या एनाउंसमेंट किया जा रहा था? जबाव मिला दबी हुई थी चौतरफा चीख-पुकार के अलावा कोई बात सुनाई नहीं दे रही थी. उन्होंने सीएम को यह भी बताया कि जंक्शन पर सही जानकारी देने वाला कोई नहीं था. सीएम को और क्लीयर करते हुए उसने बताया कि प्लेटफॉर्म पर चढऩे से पहले उन्होंने सिक्योरिटी पर्सन से लेकर ब्रिज पर तैनात जवानों से पूछा कि बिहार की ट्रेन कहां से मिलेंगी? किसी ने इसका सही जवाब नहीं दिया. सब यही कह रहे थे हमें कुछ नहीं पता है. उन्होंने बताया कि भगदड़ मची तो भीड़ को कंट्रोल करने वाला कोई नहीं था. सब बस एक-दूसरे को धक्का देते हुए आगे बढ़ रहे थे.


बाड़े को बना दिया था जेलरेलवे ने क्राउड कंट्रोल के लिए सिटी साइड इंक्लोजर (बाड़ा) बनाया था। पैसेंजर्स ने बताया कि रेलवे ने इन इक्लोजर में श्रद्धालुओं को कैदी की तरह 'बंदÓ कर दिया। घायलों ने सीएम को बताया कि इस स्थिति में वे पांच से छह घंटे तक पड़े रहे। घुटन सी हो रही थी,  लोग इसे खोलने की रिक्वेस्ट कर रहे थे लेकिन खोलने के लिए कोई तैयार नहीं था। सब कुछ शांत हो जाने के बाद रेलवे को इक्लोजर में बंद श्रद्धालुओं का ध्यान आया और उन्होंने उन्हें बाहर निकाला। घायलों ने कहा रेलवे का एनाउसमेंट और इंक्वायरी सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त था. एक घंटे तक लिया मरीजों का हालचाल 
एसआरएन हॉस्पिटल में सीएम ने करीब एक घंटे तक भगदड़ में घायल हुए मरीजों का हालचाल लिया। वे खुद एक-एक मरीज के पास पहुंचे और उनसे हादसेे से लेकर हॉस्पिटल में मिल रही फैसिलिटी के बारे में पूछताछ की। भरोसा दिलाया कि उन्हें बेहतर इलाज मिलेगा और वे जब तक पूरी तरह से ठीक न हो जाएं, यहां से बिल्कुल न जाएं। सीएम ने कुंभनगर के सिक्योरिटी अरेंजमेंट्स के बारे में भी पूछा तो घायलों ने उसे अपेक्षाकृत बेहतर बताया। कुछ मरीजों ने इलाज में पैसे खर्च होने को सीएम के सामने रखा तो उन्होंने तुंरत ऑफिसर्स को पूरा इलाज मुफ्त में कराने के निर्देश दिए. 1.05 लाख रुपए दिए घायलों को सीएम ने घायलों को पांच हजार रुपए नगद और एक लाख का चेक प्रदान किया। उन्होंने कहा कि किसी भी घायल मरीज को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। मृतकों के परिजनों को सात लाख रुपए मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे. 

 

Posted By: Inextlive