शक्तिपीठ अलोपशंकरी देवी प्रयागराज में संस्कृति निदेशालय उ0प्र0 की ओर से आयोजित हुआ शक्ति महोत्सव कार्यक्रम

महिषासुर का आतंक चारों आरे व्याप्त था। मातारानी के असुरों के साथ भयंकर युद्ध छिड़ गया। एक-एक करके महिषासुर के सभी सेनानी मारे गए। फिर विवश होकर महिषासुर को भी देवी के साथ युद्ध करना पड़ा। महिषासुर ने नाना प्रकार के मायिक रूप बनाकर देवी को छल से मारने का प्रयास किया लेकिन अंत में भगवती ने अपने चक्र से महिषासुर का मस्तक काट दिया। यह दृश्य शनिवार को शक्तिपीठ अलोपशंकरी देवी प्रयागराज में संस्कृति निदेशालय उ0प्र0, जवाहर भवन, लखनऊ की ओर से आयोजित शक्ति महोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत सोनाली चक्रवर्ती, सचिव, धरोहर कला संगम के निर्देशन में अति उच्च कोटि का लोकगीत एवं महिषासुर मíदनी नृत्य की भव्य प्रस्तुति के दौरान का है। इस झांकी व नृत्य को लोगों ने खूब सराहा।

प्रदेश के 13 प्रतिष्ठित मंदिरों में आयोजित हो रहा कार्यक्रम

पाण्डुलिपि अधिकारी/प्रभारी क्षेत्रीय अभिलेखागार गुलाम सरवर ने बताया है कि संस्कृति विभाग उ0प्र0 की ओर से प्रदेश के 13 प्रतिष्ठित मंदिरों में शक्ति महोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत लोक कलाकारों द्वारा देवी गीतों की परम्परा पर आधारित देवी गायन एवं लोकनृत्य का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को शक्तिपीठ अलोपशंकरी देवी प्रयागराज में गणेश वन्दना द्वारा कार्यक्रम की शुरूआत हुई। इसके बाद देवी पचरा, राम जी का भजन, देवी गीत एवं महिषासुर मíदनी की झॉकी एवं नृत्य को भक्तों की भीड़ द्वारा खूब सराहा गया। कार्यक्रम की सराहना करते हुए शक्तिपीठ के प्रबन्धक, महंत श्री यमुनापुरी जी महाराज ने संस्कृति विभाग, उ0प्र0 एवं कार्यक्रम से जुड़े लोगों को धन्यवाद एवं शुभकामनाएं दी।

Posted By: Inextlive