-कार्तिक महोत्सव 2015 में बलुआघाट पर धूमधाम से मनायी गई देवोत्थान एकादशी

-सतरंगी रोशनी से नहाया बहुआघाट बारादरी

ALLAHABAD: यमुना नदी के किनारे स्थित बलुआघाट बारादरी रविवार की शाम झिलमिल रोशनी से नहा उठा। मौका था कार्तिक महोत्सव आयोजन समिति की ओर से आयोजित देवोत्थान एकादशी कार्यक्रम का। जहां लोगों द्वारा बलुआघाट बारादरी को दीपों से शानदार तरीके सजाया गया था। इस मौके पर बड़ी संख्या लोगों की भीड़ देवोत्थान एकादशी कार्यक्रम में शामिल होने उमड़ पड़ी। जिसके बाद पूरे वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां यमुना की भव्य आरती उतारी गई, जिसके बाद अन्य आयोजनों का दौर शुरू हुआ, जो देर रात तक जारी रहा।

31 हजार दीपों से दीपदान

देवोत्थान एकादशी के अवसर पर बलुआघाट बारादरी के घाटों पर विभिन्न रंगों से बनाई गई रंगोली से सजाया गया। उसके बाद वहां की सीढि़यों से लेकर गुंबदों को दीपों व रंग बिरंगी झालरों से सजाया गया। शाम को आरती के बाद लोगों ने 31 हजार दीपों से लोगों ने दीपदान किया। यमुना के लहरों पर तैरते दीपों को देखकर ऐसा लगा कि मानों आकाश गंगा स्वयं ही यमुना में समा गया हो। उसके बाद आतिशबाजी का दौर शुरू हुआ, जिसने जमीन से लेकर आसमान तक रोशनी की छटा बिखेर दी। इस मौके पर पूर्व भाजयुमो काशी क्षेत्र के प्रभारी शशांक शेखर पाण्डेय ने बताया कि देवोत्थान एकादशी हिन्दुओं का महत्वपूर्ण पर्व है। तीनों लोकों के स्वामी श्रीहरि जिन्हें हम भगवान विष्णु के रूप में पूजते है। वह अपनी योग निद्रा से जगाते हैं। देवात्थान एकादशी जीवन के विकारों को हटाने के लिए प्रेरित करती है।

भगवान शालिगराम की शोभायात्रा में उमड़ी भीड़

देवोत्थान एकादशी यानी जेठवन एकादशी के अवसर पर रविवार को भगवान शालिगराम की भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। शोभायात्रा की शुरुआत शाहगंज स्थित श्री आनंद बिहारी जी महाराज राधाकृष्ण मंदिर से हुई। शाम चार बजे भगवान की शोभायात्रा अपने पूरे पारम्परिक ढंग से पूर्व निर्धारित मार्गो से होकर गुजरी। इस अवसर पर देव दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पूरे रास्ते उमड़ती रही। शोभायात्रा की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान की आररी उतरने से हुई। इसके पहले मंदिर परिसर में आईपीएस जुगुल किशोर त्रिपाठी एव एसपी सिटी राजेश यादव ने भगवान की भव्य आरती उतारी। इसके बाद शोभायात्रा में मुख्य बाराती के रूप में सलाहकार आवास विकास एवं शहरी नियोजन विभाग अरुण कुमार सिंह शामिल हुए।

बग्घी पर निकली भगवान की सवारी

आरती के बाद भगवान की सवारी अपने शाही अंदाज में निकली। रास्तेभर लोगों ने बग्घी पर विराजमान भगवान शालिगराम के जयकारे लगाते रहे। सवारी शाहगंज से शुरू होकर जानसेनगंज, हीवेट रोड, अग्रसेन चौराहा, घंटाघर होते हुए वापस मंदिर पहुंची। जहां भगवान शालिगराम और माता तुलसी के विवाह का आयोजन किया गया। देर रात भगवान और माता तुलसी का विवाद पूरे विधि विधान के साथ किया गया। बारात में डॉ। रमा सिंह, वीरेन्द्र पाण्डेय, विजय मिश्र, पदम जायवाल, संतोष उपाध्याय समेत अन्य लोग मौजूद रहे। बड़ी संख्या में लोगों ने घरों में भी माता तुलसी के विवाह का आयोजन किया और उनसे परिवार की समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त किया।

Posted By: Inextlive