कहां जमा होती है ईपीएफ और ईएसआई की रकम?
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रुपये प्रतिदिन निर्धारित है आउट सोर्स कर्मचारियों का मानदेय 7500 रुपये होती है 30 दिन काम करने की मंथली इंकम 7500 का 12 प्रतिशत कटता है ईपीएफ और 1.75 प्रतिशत ईएसआई 1031 रुपये होती है ईपीएफ और ईएसआई की राशि 6469 रुपये मिलना चाहिए कर्मचारियों को ईपीएफ और ईएसआई कटने के बाद 5630 रुपये हर माह आउटसोर्स कर्मचारियों को किया जा रहा है भुगतान 839 रुपये प्रति माह कर्मचारियों के मानदेय से हो रही अतिरिक्त कटौती 25 प्रतिशत दिखाई जा रही है ईपीएफ और ईएसआई की कटौती 1000 कर्मचारियों से 839 रुपये के हिसाब से प्रतिमाह की जा रही लगभग आठ लाख 40 हजार रुपये की कटौती 12 महीने में ये कटौती पहुंच जा रही है लगभग एक करोड़ 80 हजार रुपये नगर निगम के एक हजार आऊटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय में पर मंथ 840 रुपये की अतिरिक्त कटौतीश्रम विभाग की लिस्ट में नगर निगम की तीन एजेंसियां नहीं की गई हैं शामिल
नगर निगम में तीन एजेंसियां करती हैं कर्मचारियों की तैनाती और पेमेंट balaji.kesharwani@inext.co.inALLAHABAD: नगर निगम इलाहाबाद में पिछले कई साल से आऊटसोर्सिग पर तैनात कर्मचारियों के वेतन में गोलमाल किया जा रहा है। संबंधित एजेंसियां हर साल करोड़ों का वारा न्यारा कर रही हैं और नगर निगम के अधिकारी कह रहे हैं कि वे कर्मचारियों की संख्या के हिसाब से पेमेंट कर देते हैं, इसके बाद कोई मतलब नहीं रखते। ईपीएफ और ईएसआई काटना और जमा करने का जिम्मा संबंधित एजेंसी का होता है।
आवाज उठी, कार्रवाई नहीं नगर निगम में आउट सोर्स पर कर्मचारियों की तैनाती और उन्हें मानदेय भुगतान में खेल का आरोप लगाते हुए पार्षदों के साथ मेयर अभिलाषा गुप्ता ने भी कई बार आवाज उठाई। गड़बड़ी पकड़ी भी गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई क्यों इसका जवाब किसी के पास नहीं। एजेंसी नहीं दे सकी ईपीएफ नंबर नगर निगम इलाहाबाद के स्वास्थ्य विभाग में करीब एक हजार कर्मचारी आउटसोर्स पर तैनात हैं। ये गरूणा एजेंसी के थ्रू रखे गए हैं। 7500 रुपये प्रति कर्मचारी के हिसाब से नगर निगम एजेंसी को भुगतान करता है। ईपीएफ का पैसा कहां जमा हो रहा है, इसकी जानकारी किसी कर्मचारी को नहीं है। निगम सूत्रों की मानें तो कई बार संबंधित एजेंसी से ईपीएफ एकाउंट नंबर की मांग के बावजूद कोई जानकारी नहीं दी गई है। श्रम विभाग ने शुरू की जांचश्रम विभाग ने आउट सोर्स पर तैनात कर्मचारियों का हक मारे जाने की शिकायत पर नगर निगम में भी जांच शुरू की है। अन्य विभागों की सात एजेंसियों पर जुर्माना लगाया गया है। लिस्ट में नगर निगम में आउट सोर्स कर्मचारियों की तैनाती करने वाली तीनों एजेंसियों का नाम अब तक शामिल नहीं है।
बॉक्स दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के सवाल, अपर नगर आयुक्त संजय कुमार सिंह के जवाब नगर निगम में आउट सोर्स कर्मचारियों की तैनाती और उन्हें दिए जा रहे मानदेय की कोई जांच चल रही है? जवाब : जी हां, श्रम विभाग के लोग कुछ जांच-पड़ताल कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले वे आए थे और कागजात ले गए हैं। आउट सोर्स कर्मचारियों को रखने वाली एजेंसी की जांच हो रही है? जवाब : नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स पर कर्मचारियों की तैनाती एक ही एजेंसी गरुणा एजेंसी करती है। एक-दो और छोटी एजेंसियां और हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। क्या सभी आउट सोर्स कर्मचारियों का ईपीएफ एकाउंट खुला है? उनके मानदेय से कट रहा पैसा ईपीएफ एकाउंट में जमा होता है? जवाब : इसकी जानकारी नहीं हैं? ये जिम्मेदारी हमारी नहीं बल्कि एजेंसी की है। एजेंसी को नगर निगम कर्मचारियों की संख्या के अनुसार पेमेंट कर देता है, इसके बाद ईपीएफ, ईएसआई आदि काट कर जमा करना और कर्मचारियों को भुगतान करना एजेंसी का काम है। वर्जन-आउटसोर्सिग पर कर्मचारियों की तैनाती में लगातार कई साल खेल चल रहा है। इसमें एजेंसियां ही नहीं नगर निगम के अधिकारियों का भी हिस्सा होता है। यही वजह है कि एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती। निष्पक्ष जांच हुई तो बड़ा घोटाला सामने आएगा।
सत्येंद्र चोपड़ा पार्षद, चौक