झुलसने से तीन बालकों की हालत गंभीर, हॉस्पिटल में चल रहा है इलाज

तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड के जवान आग पर पा सके काबू

PRAYAGRAJ: यमुनापार स्थित पटाखा फैक्ट्री में शुक्रवार सुबह आग लग गई। फैक्ट्री में मौजूद बारूद और पटाखों की वजह से आग काफी तेज फैली। आग की चपेट में आने से तीन बालक समेत चार लोग झुलस गए। सुधीर कुलार (50) की हॉस्पिटल लाते समय रास्ते में मौत हो गई। तीन बालक हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। यह पटाखा फैक्ट्री नैनी स्थित धनुहा गांव के पास बस्ती के बीच संचालित थी। आग के बाद शक्तिशाली पटाखों के धमाके से बस्ती के लोग दहशत में आ गए। शुक्र था कि आग गोदाम तक नहीं पहुंची। आग गोदाम तक पहुंच गई होती तो पूरी बस्ती जलकर राख हो जाती। तीन घंटे कड़ी मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड के जवान आग पर काबू पाए। आग बुझाने में फायर ब्रिगेड की पांच गाडि़यां और एक दर्जन से अधिक जवान लगातार जूझते रहे। इस पटाखा फैक्ट्री में सुरक्षा के निर्धारित एक भी मानक कंप्लीट नहीं थे। मौके पर पहुंचे एसडीएम करछना व एसपी यमुनापार ने मामले में जांच की बात कही है।

शुक्र है गोदाम तक नहीं पहुंची आग

इस पटाखा फैक्ट्री के मालिक का नाम लक्ष्मण प्रसाद है। वह शहर के मीरापुर का रहने वाला है। वह नैनी स्थित धनुहा गांव के पास पटाखा फैक्ट्री डाल रखा था। बताते हैं कि सहालग का टाइम करीब है। इसी को देखते फैक्ट्री में वह पटाखे बनवा कर गोदाम में डंप कर रहा था। सुबह करीब आठ बजे लक्ष्मण प्रसाद मीरापुर घर पर था। फैक्ट्री में कारीगर कम चौकीदार सुधीर पुत्र जानकारी किशोर निवासी अतरसुइया मीरापुर मौजूद थे। उसके साथ यहां राजा (15) अपने भाई अनुराग (16) पुत्र अशोक निवासी मोहद्दीनपुर घूरपुर और इलाके के पुरवाखास निवासी विशाल पुत्र स्व। राकेश भारतीया भी फैक्ट्री में उस वक्त मौजूद थे। इस बीच अचानक फैक्ट्री में आग लग गई। फैक्ट्री के अंदर बारूद और पटाखों के होने की वजह से आग काफी तेज फैली। आग की जद में आए पटाखों के धमाके की आवाज सुनकर बस्ती के लोग सहम गए। फैक्ट्री में मौजूद सुधीर व राजा और अनुराग एवं विशाल आग की चपेट में आकर झुलस गए। इनकी चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग शोर मचाते हुए दौड़ पड़े। बात थाना पुलिस व फायर ब्रिगेड के जवानों तक पहुंची। बगैर देर किए सभी भाग कर मौके पर पहुंचे। पानी के पांच टैंकर संग पहुंचे फायर ब्रिगेड के जवान आग बुझाना शुरू किए। सुबह आठ बजे से लेकर 11 बजे तक आग बुझाने के बाद उस पर काबू पाया जा सका। इस बीच झुलसे हुए लोगों को बाहर निकाल कार हॉस्पिटल के लिए भेजा गया। इनमें से सुधीर की रास्ते में मौत हो गई। मौके पर रहे लोगों का कहना है कि फैक्ट्री से सटा हुआ उसका गोदाम है। गोदाम में काफी पटाखे व बारूद डंप है। कहते हैं कि यदि आग इस गोदाम तक पहुंच जाती तो पूरी बस्ती आग की जद में आकर राख हो जाती।

फैक्ट्री में नहीं थे सुरक्षा के प्रबंधक

अफसरों के मुताबिक पटाखा फैक्ट्री सुरक्षा के एक भी मानक को पूरा नहीं करती

यहां पानी के मुकम्मल इंतजाम नहीं थे न ही पर्याप्त एंटी फायर सिलेंडर ही था

फैक्ट्री में मौजूद लोगों के लिए बाकायदे एक किट आती है वह किट भी नहीं थी

बस्ती के बीच या आसपास पटाखा फैक्ट्री तो दूर दुकान तक नहीं हो सकती

पटाखा फैक्ट्री में नाबालिग काम नहीं कर सकते, फिर झुलसे हुए बालक कैसे पहुंचे?

अधिकारी कहते हैं इन सारी बातों की गंभीरता से जांच करवाई जाएगी

जांच में यदि बालकों से काम लेने की बात पुष्ट हुई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी

फैक्ट्री मालिक के बयान से उठे सवाल

फैक्ट्री मालिक लक्ष्मण प्रसाद ने कहा कि यहां झुलसे हुए बालक राजा व अनुराग और विशाल काम नहीं करते। उसने दावा किया कि फैक्ट्री में राजा की मां वर्दा देवी और विशाल की मां कल्लू दवी काम करती है। तीनों अपनी मां से मिलने के लिए फैक्ट्री आए हुए थे।

फैक्ट्री मालिक के बयान से उठे सवाल

क्या फैक्ट्री में राउंड द क्लॉक वर्क चलता है

क्या इस फैक्ट्री में कम उम्र के बच्चे भी काम करते हैं

महिलाएं खतरे वाले स्थान पर काम कर रही थीं तो उसके बच्चे को प्रिमाइस में जाने की इजाजत कैसे मिली

बच्चे मां से मिलने आए थे तो उनकी मां को कोई नुकसान क्यों नहीं हुआ

पूरे मामले की गंभीरता से हर एंगल पर जांच कराई जाएगी। आग लगने की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। फैक्ट्री मालिक के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। घोर लापरवाही बरती गई है।

सौरभ दीक्षित

एसपी यमुनापार

Posted By: Inextlive