मां-बाप और दो बेटियों की निर्मम हत्या, एक बेटी से रेप की पुष्टि

होलिका दहन के दिन चोरी से पेड़ काटने की सूचना पुलिस को देना बना काल

पढ़ाई-परीक्षा के चक्कर में बाहर होने से जिंदा बच गए एक भाई, एक बहन

ALLAHABAD: इरादा तो पूरे परिवार का सफाया कर देने का था लेकिन पढ़ाई और परीक्षा के चक्कर में घर से बाहर होने से एक भाई और एक बहन जिंदा बच गए। क्रूर हत्यारों ने मां-बाप के सामने ही एक बेटी के साथ बलात्कार किया और फिर घर में मौजूद परिवार के सभी चार सदस्यों को क्रूरता की हद पार करते हुए मौत के घाट उतार दिया। ईगो के चक्कर में हुए घटनाक्रम से स्थानीय लोगों से लेकर पूरा पुलिस महकमा हिल उठा। पब्लिक का आक्रोश चरम पर था तो पुलिस के लिए स्थिति संभालना मुश्किल हो गया था। घंटों मान-मनौव्वल के बाद बीच का रास्ता नहीं निकला तो पुलिस ने पब्लिक को लठियाकर खदेड़ा और बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया। घटना के संबंध में पांच लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने देर शाम तक सभी को गिरफ्तार कर लिया। उनसे पूछताछ जारी थी। समाचार लिखे जाने के समय तक यह स्पष्ट नहीं हो सका था कि हत्या की वही वजह थी जो तहरीर में लिखी थी या इसके पीछे कोई और कारण था।

पुलिस के वसूली कर छोड़ने से बदल गई कहानी

सोमवार की सुबह यह सनसनीखेज वारदात सामने आई नवाबगंज थाना क्षेत्र के शहाबपुर हथिगहां गांव में। सोरांव मेन रोड पर स्थित इस गांव के रहने वाले मक्खन लाल गुप्ता, उनकी पत्‍‌नी मीरा देवी व दो बेटियों वंदना और निशी की निर्मम हत्या कर दी गई थी। उनकी बड़ी बेटी रंजीता बीफॉर्मा का कोर्स करके शिमला में एक नर्सिग स्कूल में जुड़कर जॉब के साथ आगे की पढ़ाई कर रही है। बेटा रंजीत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता है। इस परिवार में यही दोनों जिंदा बच गए क्योंकि रंजीता शिमला में थी और बेटा रंजीत पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रतापगढ़ गया था। रात में वह घर नहीं लौटा था। स्थानीय लोगों के अनुसार मक्खन लाल ने रविवार रात नौ बजे दुकान बंद की और घर के अंदर चला गया। परिवार के सभी सदस्य भोजन करने के बाद सोने चले गए। देर रात घर में घुसे बदमाशों ने गहरी नींद में सोए मक्खन, मीरा देवी, वंदना और निशी की कूंचकर हत्या कर दी। मख्खन, पत्‍‌नी मीरा देवी व निशी एक साथ बेड पर सोए थे। वंदना अलग कमरे में सो रही थी। बदमाशों ने हत्या में लोहे और किसी नुकीले हथियार का इस्तेमाल किया है।

चार हत्या से गरमाया गांव

एक परिवार के चार सदस्यों की हत्या की खबर जैसे ही ग्रामीणों को हुई हजारों की संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पूरे घर को घेरे में ले लिया। इस बीच पुलिस को घटना की जानकारी दी गई। एक परिवार के चार लोगों की हत्या की बात सुनते ही पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए। कुछ ही देर में कई थानों की फोर्स और आईजी समेत सभी पुलिस अधिकारियों गांव में पहुंच गए। तब ग्रामीणों ने घर को चारो ओर से घेर लिया था और किसी को भी अंदर नहीं जाने दे रहे थे। वे लाश नहीं उठाने देने की जिद पर अड़े थे और मौके पर उपमुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्या को बुलाने के साथ मुआवजे की घोषणा की मांग कर रहे थे। अधिकारियों के काफी समझाने के बाद भी ग्रामीण नहीं माने तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग उन्हें हटाया और लाशों को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस की जांच में पता चला कि बदमाश पड़ोसी के घर के रास्ते छत से होते हुए अंदर घुसे थे। पुलिस मान रही है कि हत्याकांड को प्री प्लान तरीके से अंजाम दिया गया।

कमरे का सीन देखकर दहल गए

मक्खन के बेटे रंजीत ने बताया कि उसने सोमवार को सुबह सात बजे पिता के नंबर पर काल किया। कोई जवाब नहीं मिला। जब कई बार काल पर जवाब नहीं मिला तो उसने कुछ दूरी पर रहने वाले दादा को फोन किया और घर जाने को कहा। दादा घर पहुंचे और कई बार आवाज लगाई, लेकिन अंदर से कोई सुगबुगाहट नहीं हुई। मक्खन के बुजुर्ग पिता की आवाज सुनकर आसपास के लोग भी जुट गए। अनहोनी की आशंका में लोगों ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर का दृश्य देख दहल गए। चारों की लाश क्षतविक्षत पड़ी थी, यह देख दादा दहाड़े मारकर रोने लगे। उनके रोने की आवाज सुनकर गांव के अन्य लोग मौके पर पहुंच गए।

होली पर हुआ था पड़ोसी से विवाद

मक्खन के बेटे रंजीत के अनुसार अनुसार होलिका दहन से पूर्व पड़ोस में रहने वाले दबंग परिवार के सदस्य होलिका में डालने के लिए पेड़ काट रहे थे। इसकी सूचना बहन वंदना ने पुलिस को 100 नंबर पर दी थी। इस सूचना पर पुलिस पड़ोसियों को घर से उठा ले गई थी। आरोप है कि पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की और पांच हजार रुपए लेकर छोड़ दिया। इसके बाद रात में पड़ोसी घर पहुंचे तो उन्होंने सीधे-सीधे धमकी दी। चेताया था कि इस पांच हजार को तो हम वसूलेंगे ही यह कृत्य उसके परिवार पर बेहद भारी पड़ेगा।

घुमाने के लिए खुली छोड़ी आलमारी

हत्या की सूचना पर घर के भीतर पहुंची पुलिस को आलमारी खुली दिखी तो शक लूट या डकैती की तरफ गया। लेकिन, तब तक पहुंच चुके बेटे की मौजूदगी में चेक करने पर पता चला कि घर का पूरा सामान सही सलामत है। इसके बाद अधिकारियों ने अपनी धारणा बदल ली। उन्हें लगा कि आलमारी जांच कि दिशा मोड़ने के उद्देश्य से खोली गई हो सकती है। मां-बाप और बहनों को खोने वाले रंजीत के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। पुलिस ने उसे भी उसी वाहन में बैठा रखा था, जिसमें चारों लाशें रखकर पोस्टमार्टम हाउस लाई गई। पोस्टमार्टम हाउस पर भी सुरक्षा के लिहाज से कई थानों की फोर्स तैनात की गई थी।

हत्याकांड मिनट टु मिनट

9.00

बजे रात में दुकान बंद किया

9.35

बजे गांव में आयी बारात देखी

10.15

बजे परिवार ने एक साथ भोजन किया

10.45

बजे मख्खन, मीरा देवी, वंदना व निशी सोने गए और रात में उनकी हत्या कर दी गई

7.00

बजे सुबह बेटे रंजीत ने पिता को फोन किया, काल नहीं उठी

7.20

बजे सुबह रंजीत ने दादा को फोन कर घर जाने को कहा

7.30

बजे सुबह दादा घर पहुंचे, कई बार आवाज दी, लेकिन दरवाजा नहीं खुला

7.40

बजे सुबह हत्या की सूचना ग्रामीणों तक पहुंची

8.10

बजे सुबह स्थानीय पुलिस फोर्स के साथ पहुंची

8.40

बजे सुबह आईजी, डीआईजी, एसएसपी कई थानों की फोर्स के साथ पहुंचे

9.00

बजे सुबह पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई नोक झोक

9.15

बजे विधायक विक्रमजीत मौर्य मौके पर पहुंचे

Posted By: Inextlive